औरैया : उत्तर प्रदेश में आने वाले मजदूरों के साथ हादसे हो रहे हैं। कहीं रेलवे ट्रैक पर जान गंवा रहे हैं तो कहीं बस या ट्रक की टक्कर से एक पल में सब कुछ खत्म हो जा रहा है। मुजफ्फरनगर में बुधवार देर रात हुए हादसे के बाद अब औरैया की घटना इसी की गवाही दे रही है। कहा जा रहा है कि औरैया में 24 से ज्यादा और मजदूरों की जान जा सकती थी, अगर वे एक कप चाय के लिए न रुके होते। पुलिस के मुताबिक, दिल्ली से आए डीसीएम (मिनी ट्रक) में सवार कुछ लोग ढाबे पर चाय पीने के लिए रुके थे, तभी राजस्थान से आने वाले दूसरे ट्रक ने टक्कर मार दी। जो लोग बाहर थे, वे बच गए। बाकी दोनों वाहनों में सवार 24 की जान चली गई। 35 लोग जख्मी हुए हैं।
चश्मदीदों की मानें तो हादसे में मरने वाले मजदूरों की संख्या कहीं ज्यादा होती अगर वे चाय पीने के लिए ढाबे के पास न खड़े होते। डीसीएम में सवार ज्यादातर मजदूर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के हैं। एक लंबा सफर तय करके औरैया के पास चिरूहली क्षेत्र में एक ढाबे पर पहुंचे थे। पूरी रात डीसीएम में काटने के बाद सुबह होने वाली थी। लेकिन, इसे मजदूरों की बदकिस्मती कहें या काल का कुचक्र, उन्हें सुबह का सूरज नहीं देखने को मिला। जिंदगी की अंगड़ाई, मौत की आहट को नहीं भांप सकी। काली रात ने चंद लम्हों में सब कुछ खत्म कर दिया।
यूपी के मुजफ्फरनगर में बुधवार देर रात 6 मजदूरों की जान गई थी
दो दिन पहले ही मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में तीन हादसों में 16 मजदूरों की जान गई थी। मध्य प्रदेश के गुना में बस और कंटेनर की टक्कर में यूपी के 8 मजदूरों की मौत हुई। 54 जख्मी हो गए थे। इधर, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में बुधवार देर रात रोडवेज की बस ने 6 मजदूरों कि कुचल दिया। ऐसा ही एक हादसा बिहार में भी हुआ था। यहां भी प्रवासियों की बस ट्रक से टकराई। दो लोगों की जान चली गई थी। इससे पहले नरसिंहपुर में भी आम से भरा ट्रक पलटने से यूपी के 5 मजदूरों की मौत हो गई थी। ये लोग ट्रक में छिपकर हैदराबाद से आगरा जा रहे थे।