- अभिमत

वैश्विक उथल-पुथल मचा देगा “बिटकॉइन”

प्रतिदिन :

वैश्विक उथल-पुथल मचा देगा “बिटकॉइन”
अमेरिका की उथलपुथल का एक वैश्विक प्रभाव मुद्रा पर भी होगा और यह मुद्रा “क्रिप्टो कर्रेंसी” है | भारत का रिजर्व बैंक भले ही कहे कि क्रिप्टो करेंसी की अपनी कोई कीमत नहीं होती है और इसके माध्यम से अवैध कारोबार करने की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं. जनवरी, २०२१ को एक बिटकॉइन की कीमत ११ प्रतिशत बढ़कर लगभग २४ लाख रुपये के स्तर पर पहुंच गयी़ वर्ष २०२० में इसकी कीमत में ३०० प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है़, सिर्फ दिसंबर महीने में ही बिटकॉइन ने निवेशकों को ५०.३७ प्रतिशत का प्रतिफल दिया है|
जानकर कह रहे हैं कि एक बिटकॉइन की कीमत वर्ष २०३० तक एक करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है़ फरवरी, २०२० की एक रिपोर्ट केअनुसार , दुनियाभर में ५००० क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण ११९.४६ अरब डॉलर का है और तकरीबन ३५० अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ बिटकॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बनी हुई है|जून, २०२० तक दुनिया में लगभग इसके २० मिलियन उपयोगकर्ता थे, जबकि भारत में बिटकॉइन के पांच मिलियन से ज्यादा उपयोगकर्ता है़ं भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करनेवाले ३० वर्ष से कम उम्र के निवेशकों की संख्या ७० प्रतिशत से अधिक है|
वैसे बिटकॉइन के कारोबार पर भारतीय रिजर्व बैंक ने २०१८ में प्रतिबंध लगाया था, जिसे बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने हटा दिया़ हालांकि भारत में अन्य क्रिप्टो करेंसी पर अभी भी प्रतिबंध लगा हुआ है| बीते वर्ष मीडिया के हवाले से कहा गया था कि २०१९ में क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाला बिल संसद में पेश किया जायेगा, लेकिन इसे अभी तक संसद पटल पर रखा नहीं जा सका है़, क्रिप्टो करेंसी का कारोबार डिजिटली किया जाता है|क्रिप्टो करेंसी की कीमत तय करने का कोई आधार नहीं है़ वर्तमान करेंसी की तरह क्रिप्टो करेंसी का मुद्रास्फीति से कोई लेना-देना नहीं है़, बाजार के उतार-चढ़ाव से भी यह मुक्त है़ गैरकानूनी तरीके से इसका लेन-देन होने के कारण इससे जुड़े विवाद में किसी को सजा नहीं दी जा सकती है़|यह किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से जुड़ा नहीं है, इसलिए इसका कोई नियामक भी नहीं है़ |
क्रिप्टो करेंसी के पूरी तरह चलन में आने के बाद निश्चित तौर पर देश व दुनिया की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आयेगा़ | यह माना जा रहा है कि क्रिप्टो करेंसी के वैध करेंसी बनने के बाद बैंकों का अस्तित्व खत्म हो जायेगा़ आर्थिक क्षेत्र के बहुत सारे मानक भी बदल जायेंगे़ ऐसे में सवाल है कि वैसे लोग जो आज क्रिप्टो करेंसी से अंजान हैं, वे अपने पैसे कहां रखेंगे? जरूरत पड़ने पर कर्ज कहां से लेंगे, विवाद होने पर निपटारा कौन करेगा़ इन सभी प्रश्नों का उत्तर क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) के पैरोकारों के पास नहीं है़ | विश्व में आज इसका ज्यादातर इस्तेमाल गैरकानूनी तरीके से हो रहा है़|
बेंगलुरु में पिछले वर्ष देश का पहला बिटकॉइन एटीएम (Bitcoin ATM) खोलने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था़ इस एटीएम के जरिये कारोबारी अपने क्रिप्टो वॉलेट (Crypto wallet) में रुपये जमा कराकर क्रिप्टो करेंसी में कारोबार करना चाहते थे़ क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ‘उनोकॉइन’ वर्तमान में ३० क्रिप्टो करेंसियों में कारोबार करने की सुविधा दे रहा है़ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण यह एक्सचेंज क्रिप्टो कारोबार को बढ़ाने के लिए नये विकल्पों की लगातार तलाश कर रहा है़
सम्पूर्ण विश्व में इस करेंसी को सहेजने के लिए बनाये गये इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट के साथ भी सुरक्षा संबंधी चुनौतियां जैसे हैंकिंग, पासवर्ड चोरी और मालवेयर हमले आदि मौजूद है़ं चूंकि, इस करेंसी को किसी टकसाल में ढाला नहीं जाता है, इसलिए इसका लेन-देन दूसरी करेंसियों की तरह वैधानिक नहीं है़ क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन सार्वजनिक होता है, पर उपयोगकर्ता की पहचान गुप्त रखने के कारण यूजर की पहचान करना मुश्किल है़ यह करेंसी प्रयोग के प्राथमिक चरण में है़|
यूँ तो बिटकॉइन (Bitcoin) को आभासी मुद्रा युग का नवीनतम वर्जन माना जा रहा है, लेकिन यह मौजूदा डिजिटल तंत्रों से कई कदम आगे है़ | इसका उपयोग अब सरकार बनाने से लेकर, सरकार गिराने और अनेक वैध, अवैध धंधो में हो रहा है | अब यह एक वैश्विक बीमारी बनती जा रही है |

श्री राकेश दुबे (वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार)
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com

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