भोपाल: राजस्थान और गुजरात के बाद जीका वायरस की मध्यप्रदेश में एंट्री हो गई है। भोपाल के दो सरकारी अस्पतालों में जीका बुखार के तीन पॉजिटिव मरीज मिले हैं। तीनों के ब्लड सैंपल में जीका जांच के लिए एम्स स्थित रीजनल वायरोलॉजी लैब भेजे गए थे। जांच में मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
इनमें से एक बच्चे को कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल की पांचवीं मंजिल पर बने आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। जहां उसकी सेहत फिलहाल स्थिर है। जबकि जीका पॉजिटिव दूसरे बच्चे को परिजन इलाज से आराम मिलने के बाद बिना डिस्चार्ज कराए आष्टा स्थित घर लेकर चले गए। अफसरों के मुताबिक जीका का तीसरा पॉजिटिव मरीज एम्स भोपाल में मिला है, जिसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।
जीका वायरस एडीज मच्छर से फैलता है। यह ज्यादातर दिन के समय (अलसुबह और दोपहर) काटता है। यह मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और यलो फीवर का कारण भी बनता है। वायरस प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती से उसके बच्चे में भी फैलता है। या शारीरिक संबंध बनाने के दौरान एक से दूसरे इंसान में ट्रांसमिट होता है। संक्रमित इंसान का ब्लड ट्रांसफ्यूजन या ऑर्गेन ट्रांसप्लांटेशन होने पर भी इंफेक्शन फैल सकता है।
वायरस के लक्षण : बीएमसी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनीष जैन के मुताबिक शरीर पर चकते, बुखार तेजी से आना, मांसपेशियों व सिर दर्द, बेचैनी और आंखें लाल होना जीका बुखार का लक्षण हैं।