- स्थानीय

पश्चिम बंगाल का आक्रोश मप्र पहुंचा, भोपाल समेत कई शहरों में डॉक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार किया

भोपाल. पश्चिम बंगाल में तीन दिन से हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में भोपाल में शुक्रवार को हड़ताल कर दी। डॉक्टरों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर हाथों में तख्तियां लेकर हड़ताल करने लगे। हमीदिया मेडिकल कॉलेज में ओपीडी का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया।

मप्र जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने गुरुवार को कह दिया था कि उसके सभी डॉक्टर पूरे प्रदेश में ओपीडी में नहीं जाएंगे। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जूडा) का कहना है कि हमें एयरपोर्ट में जैसी सुरक्षा मिलती है, वैसे ही सीआईएसएफ की सुरक्षा दी जाए। जूडा के डॉक्टर सुबह से ही हड़ताल पर चले गए और दोपहर बाद 2:00 बजे तक यही स्थिति बनी रहेगी। असल में कोलकाता में परिजनों द्वारा की गई मारपीट के विरोध में ये प्रदर्शन हो रहे हैं।

डॉक्टरों ने ओपीडी का बॉयकाट किया है, लेकिन इमर्जेंसी सेवाएं बहाल रखी हैं। कोलकाता में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के बाद सभी मेडिकल कलेजों और अस्पतालों से एक दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। हड़ताल प्रदेश के ज्यादातर मेडिकल कॉलेजों में पहुंच गई है और जूनियर डॉक्टरों ने सुबह से ओपीडी का बहिष्कार कर दिया है।

दिग्विजय सिंह ने किया सुरक्षा का समर्थन

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पत्रकारों के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने एक ट्वीट किया। इसमें दिग्विजय सिंह ने लिखा-पत्रकारों, वकीलों और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को अलग से कानून बनाने की आवश्कता है। मैं इसका समर्थन करता हूं।

ग्वालियर में 200 डॉक्टरों ने 3 घंटे काम बंद रखा : ग्वालियर के गजराराजे मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स भी हड़ताल कर रहे हैं। यहां भी करीब 200 जूनियर डॉक्टर हड़ताल में शामिल हुए और तीन घंटे काम बंद रखा। इमरजेंसी सेवाओं में 100 जूनियर डॉक्टर तैनात रहे। ये जूनियर डॉक्टर काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं। हड़ताल के कारण यहां भी स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हुई है।

जबलपुर में ओपीडी बंद रही : जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल में भी शुक्रवार को ओपीडी बंद है। यहां सुबह 11:30 से 1 बजे तक ओपीडी का डॉक्टरों ने बहिष्कार कर दिया। जूनियर डॉक्टर्स रैली और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक्ट बनाने और अस्पतालों में सेफ्टी ज़ोन बनाने की मांग की।

एम्स के डॉक्टरों ने गुरुवार को हेलमेट पहनकर और सांकेतिक तौर पर पट्टियां पहनकर मरीजों का इलाज किया। सोमवार रात पश्चिम बंगाल के एनआरएस अस्पताल में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की थी। उसके बाद से पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *