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कम लागत में अच्छी आमदनी का जरिया बनी फूलों की खेती

सागर जिले के जैसीनगर विकासखण्ड के ग्राम चैनपुरा एवं मन्कयाई के किसान पूरे साल नवरंगा(गैलर्डिया),गेंदा और डेजी फूल की खेती कर रहे हैं।  इन किसानों के लिये कम लागत में अच्छी आमदनी का जरिया बन गई है फूलों की खेती।

नवरंगा फूल की खेती से किसान दो माह में ही आधा एकड़ क्षेत्र से करीब एक लाख रूपये की फसल सागर मंडी में बेच लेते हैं। इस फूल की खेती में ज्यादा मेहनत जरूरी नहीं होती। इसमें विशेष दवाई आदि की भी जरूरत नहीं पड़ती। केवल शुरूआत में 4 से 5 बार पानी देना पड़ता है।

ग्राम चैनपुरा के किसान शशिकांत पटेल ने एक एकड़ में नवरंगा फूल लगाया है। इस समय वे प्रतिदिन एक से डेढ़ क्विंटल तक फूल की पैदावार प्राप्त कर रहे हैं। फूलों की बिक्री से उन्हें प्रतिदिन दो से ढाई हजार रूपये की आमदनी हो रही है।

इसी गांव के किसान देवी सिंह ने 60 डेसिमल में नवरंगा फूल लगाया है, जिसमें बीज की कीमत सहित कुल चार हजार रूपये की लागत आई है। ये सागर मंडी में एक से डेढ़ क्विंटल नवरंगा फूल की बिक्री कर लेते है। देवी सिंह को अखिल भारतीय गुलाब प्रदर्शनी में पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।

ग्राम चैनपुरा के किसान ज्ञान सिंह ने नवम्बर 2018 में आधा एकड़ में 5 हजार रूपये के खर्च से नवरंगा का रोपण किया था। उन्होंने इसमें डीएपी, पोटाश और सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग किया। पैंतालीस दिन में फूलों की फसल तैयार हो गई। इस वर्ष जनवरी माह से उन्होंने नवरंगा फूलों की तुड़ाई शुरू की है। इन्हें फूलों से 6 माह में ही एक लाख रूपये से अधिक की शुद्ध आमदनी हुई है।

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