कोलकाता : पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के भाजपा में शामिल होने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा पर निशाना साधा। ममता ने कहा कि तृणमूल कमजोर पार्टी नहीं है। 15-20 पार्षद पैसा लेकर पार्टी छोड़ देते हैं तो मुझे परवाह नहीं। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट और लालची भाजपा तृणमूल के कचरे को इकट्ठा कर रही है। सोमवार को तृणमूल के नौपारा से विधायक सुनील सिंह की अगुआई में 12 पार्षदों ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ली थी। लोकसभा चुनाव के बाद तृणमूल के चार विधायक और 50 से ज्यादा पार्षद भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
ममता ने कहा कि अगर पार्टी के और भी विधायक तृणमूल छोड़ना चाहते हैं, तो वे छोड़ सकते हैं। हम पार्टी में चोर नहीं चाहते। यदि एक व्यक्ति पार्टी छोड़ेगा तो मैं 500 और तैयार कर लूंगी।
सर्वदलीय बैठक में ममता भाग नहीं लेंगी
मुख्यमंत्री बनर्जी बुधवार को दिल्ली में होने वाली सर्वदलीय बैठक में नहीं लेंगी। बनर्जी ने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर कहा कि वह इस बैठक में भाग नहीं ले पाएंगी क्योंकि एक देश एक चुनाव का मुद्दा बहुत गंभीर और संवेदनशील है। इतने कम समय में सभी दलों की बैठक बुलाकर इस मामले के साथ न्याय नहीं किया जा सकता है।
मई में 3 विधायक और 50 पार्षद भाजपा में शामिल हुए
इससे पहले मई के आखिरी हफ्ते में तृणमूल के 2 विधायक और 50 पार्षद भाजपा में शामिल हुए थे। इन सभी को बंगाल भाजपा नेता मुकुल रॉय दिल्ली लेकर पहुंचे थे। वहां पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में सभी ने सदस्यता ली थी। इसके बाद एक और विधायक मोनिरुल इस्लाम ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था।
विजयवर्गीय ने कहा था कि भाजपा की सदस्यता लेने का यह पहला चरण था। जिस तरह बंगाल में 7 चरणों में चुनाव हुआ, उसी तरह नेता भी सात चरणों में शामिल होंगे। आगे भी इस तरह से सदस्यता ग्रहण करने का सिलसिला जारी रहेगा।
ममता सरकार पर नहीं पड़ेगा खास प्रभाव
पश्चिम बंगाल विधानसभा में कुल 295 में से तृणमूल के 211 विधायक हैं। इनके अलावा कांग्रेस के 44, माकपा के 26 और भाजपा के 3 विधायक हैं। चार विधायकों के जाने से ममता सरकार पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। बहुमत के लिए 148 सीटें जरूरी होती हैं। राज्य में अगले विधानसभा चुनाव 2021 में होने हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 42 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की है। तृणमूल ने 22 सीटें जीतीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को दो ही सीटें मिली थीं।