25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लागू की गई. तब कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इमरजेंसी घोषित करने के फैसले का विरोध किया था. आज उस वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी का निधन हो गया. उन्होंने हैदराबाद के एआईजी अस्पताल में अंतिम सांस ली, वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बता दें कि इमरजेंसी के दौरान संविधान के आर्टिकल-19, आर्टिकल-21 के तहत लोगों को मिले नागरिक अधिकार छीन लिए गए थे.
दरअसल, तब कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का देश में आतंरिक आपातकाल लगाने का फैसला रास नहीं आया. उन्होंने इंदिरा गांधी के इस फैसले का पुरजोर तरीके से विरोध किया. उन्होंने 1977 में कांग्रेस छोड़ दी और जनता पार्टी में शामिल हो गए. इस दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा था. जयपाल रेड्डी ने साल 1980 में तेलंगाना के मेडक संसदीय क्षेत्र से इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा. यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. जयपाल रेड्डी चुनाव हार गए. इंदिरा गांधी मेडक से सांसद चुनी गईं. साल 1984 में, जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो वह यहीं से सांसद थीं.
Telangana: Former Union Minister and Congress leader, Jaipal Reddy, passes away in Hyderabad. (File pic) pic.twitter.com/kqbCJAH7jH
— ANI (@ANI) July 27, 2019
इमरजेंसी के दौरान देश में अखबारों पर सेंसरशिप लगा दी गई थी. समाचार पत्रों के प्रकाशन और टेलीविजन प्रसारण होने से पहले उन्हें पढ़ा जाता था. इस दौरान इमरजेंसी का विरोध करने वाले जेपी नारायण और मोरारजी देसाई सरीखे कई नेताओं को जेल में डाल दिया गया था. तब नेताओं की गिरफ्तारी पर इंदिरा गांधी ने कहा था, ‘…इस शांति को हमें बनाए रखना है, हमको ये समझना है कि लोकतंत्र में भी हद होती हैं जिनको पार नहीं कर सकते. मैं आपको विश्वास दिलाना चाहती हूं कि जो नेतागण गिरफ्तार हुए हैं, उनको सुविधाएं दी जा रहीं हैं और आराम से रखने की पूरी कोशिश है.’
16 जनवरी 1942 को हैदराबाद के मुदगुल (अब यह तेलंगाना राज्य के अंतर्गत आता है) में जन्मे जयपाल रेड्डी का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा. साल 1999 में 21 साल बाद कांग्रेस में उनकी वापसी हुई. जयपाल रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश से 4 बार विधायक चुने गए. वे 5 बार लोकसभा सांसद चुने गए. 2 बार उन्होंने राज्यसभा सांसद के रूप में अपनी सेवाएं दीं. वह पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजरात और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कैबिनेट में मंत्री भी रहे. उनके परिवार में एक बेटी और 2 बेटे हैं.
जयपाल रेड्डी तेलुगु राजनीति के दिग्गज नेता माने जाते रहे हैं. उनके निधन पर कांग्रेस समेत तमाम नेताओं ने दुख जताया है. कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर जयपाल रेड्डी के निधन पर शोक जताया. कांग्रेस ने ट्विट किया- जयपाल रेड्डी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, जिन्होंने 5 बार लोकसभा, 2 बार राज्यसभा सांसद और 4 बार विधायक के रूप में अपनी सेवाएं दीं. हमें उम्मीद है कि उनके परिवार और दोस्तों को दुःख के समय में ताकत मिलेगी.
उनके निधन पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी दुख जताया है. सीएम केसीआर ने कहा कि जयपाल रेड्डी को एक केंद्रीय मंत्री और सांसद के रूप में उनकी सेवाओं के लिए याद किया जाएगा.