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सुपर ओवर बाउंड्री विवाद, समाधान तलाशने के लिए ICC ने कुंबले को सौंपा जिम्मा

पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की अगुवाई वाली क्रिकेट समिति अपनी अगली बैठक में बाउंड्री नियम सहित विश्व कप फाइनल से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेगी. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के क्रिकेट महाप्रबंधक ज्योफ एलर्डाइस ने यह जानकारी दी.

एलर्डाइस ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘आईसीसी प्रतियोगिताओं में 2009 से मैच टाई होने की स्थिति में विजेता का फैसला करने के लिए सुपर ओवर (बॉल-आउट की जगह) का इस्तेमाल किया जा रहा है. सुपर ओवर भी टाई होने के बाद मैच का नतीजा उसी मैच में हुई किसी चीज के आधार पर निकालना था. इसलिए यह हमेशा उस मैच में लगी बाउंड्री की संख्या से जुड़ा था.’

इंग्लैंड ने 14 जुलाई को लॉर्ड्स में खेले गए फाइनल मैच में ज्यादा बाउंड्री के आधार पर न्यूजीलैंड को हराकर पहली बार विश्व कप खिताब जीता. मैच टाई रहने के बाद सुपर ओवर का सहारा लिया गया, लेकिन सुपर ओवर में भी मैच टाई रहने के बाद इंग्लैंड को 22 चौके और दो छक्के जड़ने के कारण विजेता घोषित किया गया था, जबकि न्यूजीलैंड की टीम 17 बाउंड्री ही लगा पाई थी.

एलर्डाइस ने कहा, ‘दुनियाभर की लगभग सभी टी-20 लीग में सुपर ओवर टाई होने पर बाउंड्री के नियम का इस्तेमाल होता है. हम भी उसी सुपर ओवर नियमों का इस्तेमाल करना चाहते थे, जो सभी पेशेवर क्रिकेट में उपयोग में लाया जाता है. यही कारण है कि इसे इस तरह लागू किया गया था. क्या इससे कुछ अलग हो सकता था इस पर हमारी क्रिकेट समिति विचार करेगी.’

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