प्रदेश में बेरोजगारों को सफल व्यवसायी बनाने में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना मददगार साबित हुई है। जिला दतिया के रईस खान, छिन्दवाड़ा की श्रीमती नूरी शेख, रीवा के यज्ञ नारायण समदरिया और शिवपुरी के विक्रम जैमिनी योजना की मदद से सम्मानजनक व्यवसाय स्थापित करने में सफल हुए हैं।
दतिया जिले के रईस खान कल तक मजदूरी किया करते थे। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना की मदद से आज ये डीजल पम्प वर्कशाप के मालिक हैं। योजना में इन्हें 2 लाख अनुदान के साथ 7 लाख रुपये का बैंक लोन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने दिलवाया। अब रईस खान वर्कशाप से 30 हजार रुपये महीने से भी अधिक कमा रहे हैं।
छिन्दवाड़ा जिला मुख्यालय में आजाद चौक पर श्रीमती नूरी शेख ने इस योजना की मदद से रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय शुरू किया है। इन्हें भी अल्पसख्यक कल्याण विभाग ने यूनियन बैंक से 5 लाख रुपये लोन दिलवाया था। आज नूरी रेडीमेड कपड़ों की सफल व्यवसायी बन गई है। हर महीने लोन की किश्त चुकाने के बाद भी वे अच्छी-खासी आमदनी प्राप्त कर रही है।
रीवा जिला मुख्यालय पर यज्ञ नारायण समदरिया पहले बस स्टेण्ड केपास दूसरे की दुकान पर मिस्त्री का काम करते थे। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना ने उन्हें उसी जगह पर इलेक्ट्रानिक आइटम्स के स्टोर का मालिक बना दिया है।यज्ञ नारायण अब अपने स्टोर में इलेक्ट्रानिक आइटम्स बेचने के साथ उन्हें सुधारने का काम भी करते हैं।
शिवपुरी में विक्रमजैमिनी ने अपने घर पर ही बड़ी, पापड़, चिप्स और मसाले बनाने का व्यवसाय शुरू किया है। व्यवसाय को स्थापित करने के लिये जिला उद्योग केन्द्र ने उन्हें मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में स्टेट बैंक से 5 लाख रुपये का लोन और उस पर 75 हजार रुपये मार्जिन मनी दिलवाई। आज विक्रम और उसके परिवारजनों के हाथों से बने बड़ी, पापड़, चिप्स और मसाले पूरे जिले में पसंद किये जाते हैं। वे हर महीने 40-45 हजार रुपये आसानी से कमा रहे हैं।