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महाराष्ट्र प्रदेश सरकार ने हाइपरलूप प्रोजेक्ट को मंजूरी दी

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। यह दुनिया में पहली बार है, जब किसी सरकार ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए स्वीकृति दी है। हाइपरलूपतैयार होने के बाद मुंबई-पुणे का सफर महज 35 मिनट में तय हो सकेगा।अभी सड़कमार्ग से यह दूरी साढ़े तीन घंटे में पूरी होती है।

इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ नए रोजगार पैदा होंगे बल्कि आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों को 24 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लाभ होगा। यह ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड (ट्रैक) पर बुलेट ट्रेन से दोगुनी रफ्तार सेचलेगी। वैक्यूम ट्यूब सिस्टम से गुजरने वाली कैप्सूल जैसी हाइपरलूप में यह ट्रेनकरीब 1200 किमीप्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।

प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनी के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार दुनिया में पहली है, जिसने हाइपरलूप टेक्नोलॉजी को समर्थन दिया है। यह विश्व का पहला हाइपरलूप प्रोजेक्ट होगा। सरकार के सामने इस प्रोजेक्ट को डीपी वर्ल्ड और वर्जिन हाइपरलूप वन ने रखा था। कंपनी इस प्रोजेक्ट के पहले फेज में 34 अरब रुपए का निवेश करने के लिए तैयार है।

कंपनी के चेयरमैन सुल्तान अहमद बिन सुलेमान ने कहा- हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को लेकर दुनियाभर में रूझान बढ़ रहा है। भारत इस मामले में अग्रणी होगा। वह इससे बहुत ही शुरुआती दौर में जुड़ रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 7 करोड़ 50 लाख यात्री मुंबई से पुणे का सफर करते हैं। 2026 तक यह संख्या 13 करोड़ होगी। कंपनी का दावा है कि हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम इस मांग को पूरा करने में सक्षम है। इसके जरिए सालाना 20 करोड़ यात्री सफर कर सकते हैं।

 

 

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