प्रतिदिन
मलेशिया से निष्कासित होगा जाकिर नाइक
मामले सिर्फ ये दो ही नहीं हैं। सरकार को जाकिर नाइक के खिलाफ अब तक ११५ शिकायतें मिल चुकी हैं। इन तमाम शिकायतों का नतीजा यह हुआ है कि मलेशिया सरकार ने अब बयान देकर कहा है कि जाकिर नाइक से पूछताछ की जाएगी,साथ ही उसे दी गई स्थाई निवास की सुविधा वापस लेकर उसे देश छोड़ने के लिए भी कहा जा सकता है। जाकिर नाइक को हाल ही में धर्मांतरण कराकर मुस्लिम बने लोगों के एक सम्मेलन में भाग लेना था, मगर उन्हें इस सम्मेलन में भाग लेने से रोक दिया गया। इस खबर से यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि जाकिर नाइक सिर्फ उपदेशक ही नहीं, मलेशिया में चलाए जा रहे धर्मांतरण अभियान का भी हिस्सा हैं।
महत्वपूर्ण कारोबारी केंद्रों में मलेशिया की गिनती उन देशों में होती है, जो अपने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जाने जाते हैं। वहां की ६० प्रतिशत आबादी मलेशियाई मूल के लोगों की हैं,जिनमें ज्यादातर मुस्लिम धर्मावलंबी हैं। बाकी आबादी भारतीय और चीनी मूल के लोगों की है। पिछले कुछ समय में राजनीतिक अस्थिरता के चलते वहां कट्टरपंथियों ने पांव जमाने शुरू कर दिए हैं। माना जा रहा है कि जाकिर नाइक उन्हीं के अभियान का हिस्सा हैं। अब जब जाकिर नाइक को देश से बाहर भेजे जाने की चर्चाएं शुरू हुई हैं, तो यही कट्टरपंथी उनके बचाव में खडे़ हो रहे हैं।
जाकिर नाइक का यह मामला साबित करता है कि जो दुनिया के किसी एक देश के लिए खतरनाक है, वह पूरी दुनिया के लगभग सभी देशों के लिए भी उतना ही खतरनाक है। एक दूसरा सच यह भी है कि दुनिया अभी तक इस तरह के खतरों से निपटने के रास्ते तलाश नहीं सकी है। और यह भी कि दुनिया के कुछ देश तो उसे शायद खतरा मानने के लिए तैयार भी न हों। आतंकवादियों के खिलाफ तो फिर भी एक तरह की आम सहमति दुनिया में दिख रही है, पर उन लोगों के खिलाफ कुछ नहीं हो रहा, जो समाज में वैमनस्य फैलाने के लिए जाने जाते हैं।