चंडीगढ़. डोगरा स्काउट्स और वायुसेना की संयुक्त टीम ने 51 साल पहले हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास के करीब लापता हुए एन-12 बीएल-534 विमान के पुर्जे रविवार को बरामद किए। रक्षा विभाग ने बताया- डोगरा स्काउट्स ने पश्चिमी कमान मुख्यालय की मदद से ढाका ग्लेशियर में 5240 मी. की ऊंचाई पर खोज शुरू की थी।
हालांकि, सर्च ऑपरेशन में उन 96 जवानों के शव बरामद नहीं हो पाए, जो इस विमान में सवार थे। टीम को वायुसेना के इस विमान का एयरो इंजन, ढांचा, इलेक्ट्रिक सर्किट्स, एयर ब्रेक, कॉकपिट का दरवाजा और यात्रियों का कुछ सामान मिला है। डोगरा स्काउट्स ने 26 जुलाई को खोज शुरू की थी। ये 7 फरवरी 1968 को लापता हुआ था।
15 दिन तलाशी की गई
सर्च अभियान का पहला फेज 3 अगस्त को शुरू किया गया था, जो 18 अगस्त को खत्म हुआ। यह सर्च अभियान हवाई दुर्घटना स्थल (17292 फीट) तक चलाया गया। टीम ने इस ग्लेशियर में 80 डिग्री तक ढाल वाली दुर्गम चोटियों पर जवानों के शव और दुर्घटनाग्रस्त जहाज के मलबे की तलाश की। एयर फोर्स ने 6 अगस्त को सेना का यह सर्च ऑपरेशन ज्वाइन किया और विशेष टीम के सदस्यों को बर्फ के नीचे दबे विमान के मलबे को पहचानने में मदद की। 7 फरवरी 1968 में एयरफोर्स के एन-12 (बीएल-534) को 96 जवानों को चंडीगढ़ से लेह में छोड़कर आने का टास्क मिला था।