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अब 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली, आदिवासियों की कर्जमाफी को मंजूरी

भोपाल: सोमवार को राज्य कैबिनेट ने मध्य प्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार विधेयक के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव पारित कर दिया। इसके तहत बगैर लाइसेंस साहूकारी करने पर तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने मदरसों में पढ़ने वालों बच्चों को मिड-डे मील देने का फैसला किया। वहीं, ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं को अब 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली देने का निर्णय भी कैबिनेट बैठक में लिया गया।

जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि इंदिरा ज्योति योजना में संशोधन के प्रस्ताव पर भी निर्णय हो गया। संबल योजना के उपभोक्ताओं को इंदिरा ज्योति योजना से अलग किया जाएगा। इसमें 150 यूनिट बिजली की खपत वाले शहरी और ग्रामीण उपभोक्ता को 100 यूनिट बिजली के सिर्फ 100 रुपए ही देने होंगे। इसके ऊपर 50 यूनिट पर सामान्य दर लागू होगी। बीपीएल, एपीएल, एससी-एसटी, ओबीसी या कोई और बंधन इस योजना में लागू नहीं होगा। इस फैसले के बाद योजना को लागू करने में सरकार पर 2100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार भले ही आएगा लेकिन इससे करीब एक करोड़ लोगों को लाभ होगा।

सरकार ने आदिवासियों को साहूकारों के कर्ज के बोझ से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया। ऐसे आदिवासी परिवार जिन्होंने साहूकारों से कर्ज लिया है, उसे माफ किया जाएगा। इसके लिए 15 अगस्त 2019 तक गैर लाइसेंसी साहूकारों ने जो भी कर्ज इन आदिवासियों को दिया है, वो शून्य होगा। सीएम कमलनाथ ने 15 अगस्त को छिंदवाड़ा में इस संंबंध में घोषणा की थी। यह योजना अनुसूचित क्षेत्रों यानि 89 आदिवासी विकासखंड में लागू होगी।

सरकार ने 37 सालों बाद अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 में नई धारा जोड़ते हुए ये फैसला किया। बिना लाइसेंसधारी साहूकारों द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के लोगों को दिया गया कर्ज शून्य होगा और साहूकार इस कर्ज की वसूली नहीं कर पाएंगे। यदि वे वसूली के लिए जोर-जबरदस्ती या दबाव बनाएंगे तो उनपर पुलिस कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत 3 साल की सजा और एक लाख रुपए तक जुर्माना लगेगा। इसके साथ ही, लाइसेंसधारी साहूकार अपनी मर्जी से ब्याज दर तय नहीं कर सकेंगे। ब्याज दर तय करने का अधिकार सरकार के हाथ में होगा।

सरकार ने बच्चों को मिलने वाले मध्यान्ह भोजन को लेकर भी बड़ा निर्णय लिया। वर्तमान में प्रदेश के एक लाख 13 हजार स्कूलों के 45 लाख से ज्यादा बच्चों को मध्यान्ह भोजन मिलता है। अब सरकार ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भी मिड-डे मील देने का फैसला किया। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव दिया था। अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इसकी व्यवस्था करेगा।

बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग सरकारी नौकरियों में अधिकतम आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 40 साल करने का फैसला किया गया। ये फैसला सीधी भर्तियों और एमपीपीएससी की भर्तियों में लागू होगा। इसके अलावा तिलहन संघ के कर्मचारियों के संविलियन की अवधि को 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी।

मध्य प्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम के अधीन मामलों का निराकरण के लिए तीन मंत्रियों की एक समिति बनाई है। सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती को युवा दिवस के लिए रूप में मनाने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार को युवाओं से बात करेंगे।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में मिलावट खोरी को रोकने के लिए नया नारा ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ दिया है। प्रदेश में मिलावट खोरी के खिलाफ चल रही कार्रवाई को दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों के आगे खान-पान और मसालों-दालों में मिलावट खोरी को भी रोका जाएगा। प्रदेश में मिलावट खोरी करने वालों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई भी गई है।

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