नई दिल्ली : हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि जो आरक्षण के समर्थन में हैं और जो विरोध में हैं, उनके बीच दोस्ताना माहौल में चर्चा होनी चाहिए। उनके इस बयान पर बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि संघ की मानसिकता आरक्षण विरोधी है। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि भाजपा ने हमेशा संविधान को चुनौती देने की कोशिश की है। इसके बाद सोमवार शाम संघ ने बयान जारी कर कहा कि अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। भागवत ने इससे जुड़े सभी मुद्दों पर सिर्फ विचार का सुझाव दिया है।
आरक्षण पर पहले भी बात की, पर चर्चा मूल मुद्दे से भटक गई : भागवत
भागवत ने रविवार को दिल्ली में ‘ज्ञान उत्सव’ कार्यक्रम में कहा था- ‘‘मैंने आरक्षण के बारे में पहले भी बात की थी, लेकिन इससे बहुत ज्यादा उथल-पुथल मच गई और पूरी चर्चा मुख्य मुद्दे से कहीं और भटक गई। जो लोग आरक्षण के समर्थन में हैं, उन्हें चर्चा ऐसे लोगों के हितों का ध्यान रखते हुए करनी चाहिए, जो आरक्षण के खिलाफ हैं। इसी तरह से विरोध करने वालों को भी चर्चा में शामिल होना चाहिए। आरक्षण पर जब भी चर्चा हुई है, इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। हमारे समाज के विभिन्न वर्गों में सद्भाव की आवश्यकता है।’’
भागवत 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिए गए उनके बयान का संदर्भ दे रहे थे। तब उन्होंने आरक्षण नीति की समीक्षा का समर्थन किया था। हालांकि, उनके इस बयान का विरोध हुआ था। भाजपा विधानसभा चुनाव हार गई थी। माना गया कि संघ के बयान से भाजपा को चुनाव में नुकसान हुआ।
मायावती ने कहा- ऐसी चर्चा शक का माहौल बनाएगी
बसपा प्रमुख मायावती ने भागवत के बयान पर सोमवार को कहा- संघ कहता है कि आरक्षण के मुद्दे पर खुले दिल से चर्चा होनी चाहिए। लेकिन, ऐसी चर्चा शक का माहौल बनाएगी, जिसकी आवश्यकता नहीं है। आरक्षण संवैधानिक और मानवीय मसला है। इससे छेड़छाड़ की बजाय संघ को अपनी आरक्षण विरोधी मानसिकता छोड़नी चाहिए।
कांग्रेस ने कहा- भाजपा ने हमेशा संविधान को चुनौती देने की कोशिश की
कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा- बाबा साहब अंबेडकर मानते थे कि सामाजिक-आर्थिक असमानता एक चुनौती है। आरक्षण भी इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए लाया गया था। भाजपा ने हमेशा ही संविधान को चुनौती देने की कोशिश की। और, अब वे आरक्षण पर चर्चा चाहते हैं। कांग्रेस के एक अन्य नेता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दे से भटकाना चाहती है। संघ और भाजपा की आदत हो गई है कि मुद्दे उछालो और समाज में मतभेद पैदा करो। ऐसे मुद्दे उछालो जो मतदाताओं का ध्यान सरकार की समस्याओं से भटका सके।
संघ ने कहा- हम आरक्षण का पूर्ण समर्थन करते हैं
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने सोमवार शाम ट्वीट किया, ‘‘सरसंघचालक मोहन भागवत के दिल्ली में एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण के एक भाग पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। समाज में सद्भावना पूर्वक परस्पर बातचीत के आधार पर सब प्रश्नों के समाधान का महत्व बताते हुए उन्होंने आरक्षण जैसे संवेदनशील विषय पर विचार करने का आह्वान किया। जहां तक संघ का आरक्षण के विषय पर मत है, वह अनेक बार स्पष्ट किया जा चुका है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी एवं आर्थिक आधार पर पिछड़ों के आरक्षण का संघ पूर्ण समर्थन करता है।’’