चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से कुछ सेकंड पहले चंद्रयान-2 से संपर्क टूट गया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी इसरो मुख्यालय में मौजूद थे. इसके बाद सुबह एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय पहुंचे. वैज्ञानिकों को संबोधित करने के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी इसरो मुख्यालय से जाने लगे तो इसरो चीफ के. सिवन पीएम मोदी के गले लगकर रोने लगे. पीएम मोदी ने गले लगाकर इसरो चीफ की पीठ थपथपाई और हौसला बढ़ाया.
#WATCH PM Narendra Modi hugged and consoled ISRO Chief K Sivan after he(Sivan) broke down. #Chandrayaan2 pic.twitter.com/bytNChtqNK
— ANI (@ANI) September 7, 2019
एक बार फिर इसरो मुख्यालय पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम निश्चित रूप से सफल होंगे. इस मिशन के अगले प्रयास में भी और इसके बाद के हर प्रयास में भी कामयाबी हमारे साथ होगी.
पीएम ने कहा कि हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं. ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है. विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं.
पीएम मोदी बोले, मैं सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के परिवार को भी सलाम करता हूं. उनका मौन लेकिन बहुत महत्वपूर्ण समर्थन आपके साथ रहा. हम असफल हो सकते हैं, लेकिन इससे हमारे जोश और ऊर्जा में कमी नहीं आएगी. हम फिर पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ेंगे.
उन्होंने कहा कि अपने वैज्ञानिकों से मैं कहना चाहता हूं कि भारत आपके साथ है. आप सब महान प्रोफेशनल हैं जिन्होंने देश की प्रगति के लिए संपूर्ण जीवन दिया और देश को मुस्कुराने और गर्व करने के कई मौके दिए. आप लोग मक्खन पर लकीर करनेवाले लोग नहीं हैं पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, साथियों मैं कल रात को आपकी मनस्थिति को समझ रहा था. आपकी आंखें बहुत कुछ कह रही थीं. आपके चेहरे की उदासी मैं पढ़ पा रहा था. ज्यादा देर मैं आपके बीच नहीं रुका. कई रातों से आप सोए नहीं हैं. फिर भी मेरा मन करता था, कि एक बार सुबह आपको फिर से बुलाऊं. आपसे बातें करूं. इस मिशन के साथ जुड़ा हुआ हर व्यक्ति अलग ही अवस्था में था, बहुत से सवाल थे. बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ते गए. अचानक सबकुछ नजर आना बंद हो गया है. मैंने भी उस पल को आपके साथ जिया है.
सिर्फ 2.1 किमी पहले टूटा संपर्क
भारत के चंद्रयान-2 मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया. इसके साथ ही 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन के भविष्य पर सस्पेंस बन गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने संपर्क टूटने का ऐलान करते हुए कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर का काम प्लानिंग के मुताबिक था. उन्होंने कहा कि उसके बाद उसका संपर्क टूट गया.
शनिवार तड़के लगभग 1.38 बजे जब 30 किलोमीटर की ऊंचाई से 1,680 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 1,471 किलोग्राम के विक्रम चंद्रमा ने सतह की ओर बढ़ना शुरू किया, तब सबकुछ ठीक था. इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘यह मिशन कंट्रोल सेंटर है. विक्रम लैंडर उतर रहा था और लक्ष्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका काम सामान्य था. उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया. आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है.’