- अभिमत

सड़क ? : ये जुर्माना नहीं, ज्यादती है

प्रतिदिन
सड़क ? : ये जुर्माना नहीं, ज्यादती है
नये मोटर वाहन कानून लागू होने और देश भर में जुर्माने की भारी-भरकम राशि को लेकर देशभर में कोहराम मचा हुआ है| नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों और यातायात पुलिस के कर्मचारियों के बीच हाथापाई की घटनाएं सामने आ रही हैं| सरकार की यह दलील लोगों की समझ से परे है कि यह सब नागरिकों भले के लिए ही है| भले ही सरकार की मंशा इस नये कानून के जरिये दुर्घटनाओं पर रोकथाम की है|
सही मायने में जुर्माना इतना अधिक है कि यह आम जन की हैसियत के बाहर है, दूसरी ओर ट्रैफिक पुलिस कुछ ज्यादा ही उत्साहित नजर आ रही है और भारी जुर्माना वसूलने से लोगों में धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ता जा रहा है|खबर छपी है एक स्कूटी चालक के पास स्कूटी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, बीमा, प्रदूषण के कागजात और ड्राइविंग लाइसेंस में से कुछ नहीं मिला | इस पर यातायात पुलिस ने नये नियमों के तहत २३ हजार रुपये का चालान काट दिया| नये नियमों के अनुसार बिना लाइसेंस और आरसी नहीं होने के पांच-पांच हजार रुपये, वाहन बीमा नहीं होने का दो हजार और प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं होने का १० हजार रुपये का चालान करने का प्रावधान है| बिना हेलमेट का चालान एक हजार रुपये का है और इस तरह कुल २३ हजार रुपये का चालान हुआ है| नये मोटर वाहन कानून के तहत चालान कटने से गुस्साये एक शख्स ने अपनी गाड़ी में आग लगा दी|यह घटना दिल्ली की है| जब इस शख्स का वाहन जब्त किया जा रहा था, तभी उसने अपनी मोटर साइकिल की तेल टंकी में आग लगा दी|
वस्तुत: अपने देश में दोपहिया वाहन मध्य वर्ग का पारिवारिक वाहन है| इस पर पति-पत्नी और बच्चे यात्रा करते हैं| एक समय दोपहिया वाहनों का विज्ञापन होता था कि कैसे पूरा परिवार उस पर यात्रा कर सकता है| अब चार साल से अधिक के बच्चे को भी दोपहिया वाहन पर बैठने पर वाहन चालक पर जुर्माना लगेगा| दोपहिया वाहन पर बच्चे के साथ गये, तो दो हजार रुपये का चालान कट सकता है|
एक सितंबर से लागू कानून में चालान की राशि को इतना बढ़ा दिया गया है कि अगर आप गलती से यातायात के नियमों का उल्लंघन करते पकड़े गये, तो आपका पूरा बजट बिगड़ सकता है| ओवर स्पीडिंग में ५००० रुपये तक का चालान, गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर ५००० रुपये तक कर जुर्माना है| गलत दिशा में गाड़ी चलाने पर जुर्माना बढ़ा कर ५००० कर दिया गया है| रेड लाइट फलांगने पर पहले जुर्माना पहले १०० रुपये था, जो अब पहली बार पकड़े जाने पर १००० रुपये, दूसरी बार पकड़े जाने पर २००० रुपये कर दिया गया है|
मोटर व्हीकल एक्ट में एक नया चालान शामिल किया गया है, जिसमें इमरजेंसी वाहनों को रास्ता न देने पर १० हजार जुर्माना है| लोगों के गिड़गिड़ाने और पैसे नहीं होने की मजबूरी भी जुर्माना राशि से उन्हें बचा नहीं पा रही है और कई लोगों पर एक से अधिक नियमों के उल्लंघन के कारण हजारों रुपये तक का जुर्माना वसूला जा रहा है|

पश्चिम देशों से इसकी तुलना ? वहां के लोगों की आर्थिक हैसियत और अपने देशों की आर्थिक स्थिति की तुलना करना बेमानी है| दूसरे विकसित देशों की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था इतनी मजबूत है कि लोग अपने वाहन लेकर निकलना पसंद ही नहीं करते हैं| मेट्रो और लोकल बसों की सुविधा के साथ सड़के और और सडक दुर्घटना प्रबन्धन अत्यंत बेहतर है | भारत में क्या आप निर्धारित समय पर अपने कार्यस्थल पर सार्वजनिक व्यवस्था से पहुंच सकते हैं? चालान के नाम पर भारी-भरकम राशि वसूलने से जनता परेशान है और उनमें नाराजगी बढ़ती जा रही है| सड़क जर्जर हैं, बड़े-बड़े गड्ढे हैं, फुटपाथ है नहीं, हर दिन जाम लगता है| जितने वाहन हैं, उस हिसाब से पार्किंग नहीं है| बेहतर होता कि पहले व्यवस्था दुरुस्त की जाती और फिर जुर्माने को इतना किया जाता कि लोग उसका बोझ उठा सकते|

श्री राकेश दुबे (वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार)
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com

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