भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस से सैन्य समझौता करने पर पहली बार अमेरिका को सीधे जवाब दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के साथ सोमवार को बैठक के बाद उन्होंने कहा कि भारत रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए स्वतंत्र है। किसी भी देश को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से क्या खरीदना है और क्या नहीं।
भारत ने रूस से पिछले साल ही एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का करार किया है। हालांकि, अमेरिका ने इस पर नाराजगी जताते हुए कई बार भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा, “हम इस बात के पक्षधर रहे हैं कि सैन्य खरीदारी किसी भी देश का अधिकार है। किसी भी चीज को चुनने की आजादी हमारी अपनी है। मुझे लगता है कि यह सभी के हित में है कि वे हमारी स्वायत्तता को पहचानें।
“We would not like any state to tell us what to buy or not to buy from #Russia any more than we would like any state to tell us to buy or not buy from #America” – External Affairs Minister S. Jaishankarhttps://t.co/Jl5mV2RQwS
— The Hindu (@the_hindu) October 1, 2019
डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन लगातार ही भारत और रूस के बीच सैन्य समझौते पर नाराजगी जताता रहा है। दो महीने पहले जब भारत ने रूस को एडवांस पेमेंट किया, तब भी अमेरिका ने धमकी देते हुए कहा था कि भारत का यह फैसला दोनों देशों के रिश्तों पर गंभीर असर डालेगा। ट्रम्प प्रशासन के अफसर लगातार कहते रहे हैं कि भारत को सैन्य समझौतों के लिए अमेरिका और रूस में से किसी एक को चुनना होगा।
अमेरिका काट्सा कानून के तहत अपने दुश्मन से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है। हाल ही में अमेरिका ने तुर्की पर एस-400 सिस्टम खरीदने के लिए प्रतिबंध लगा दिए थे। साथ ही उसके साथ एफ-35 फाइटर जेट की डील रद्द कर दी थी।
क्या है एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम?
एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। यह 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा। एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा। यह सिस्टम एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है। यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है। वहीं, 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है। चीन के बाद इस डिफेंस सिस्टम को खरीदने वाला भारत दूसरा देश है।