रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को भारत दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर भारत और रूस के बीच करार होने की संभावना है.
अमेरिका इस डील के खिलाफ है क्योंकि वह चाहता है कि भारत S-400 की जगह उसका बनाया थाड (THAAD-टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम खरीदे.
भारत पर वह लगातार दबाव भी बनाता रहा है लेकिन थाड की डील नहीं हुई और एक-दो दिन के अंदर S-400 पर बात बन जाएगी. आइए जानते हैं कि भारत क्यों थाड के बदले रूस निर्मित S-400 खरीदने जा रहा है.
अमेरिकी थाड डिफेंस सिस्टम कोई विस्फोटक वॉरहेड रॉकेट नहीं है. दरअसल थाड टारगेट को निशाना बनाता है न कि उसमें विस्फोट कर उसे तबाह करता है.
जबकि S-400 के जरिए एक साथ तीन मिसाइल छोड़ी जा सकती है. एक चरण में कुल 72 मिसाइलें शामिल रहती हैं. यह एक साथ कई लक्ष्यों पर वार कर सकता है.
S-400 एक साथ 36 जगहों पर निशाना लगा सकता है. इसके अलावा इसमें स्टैंड-ऑफ जैमर एयरक्राफ्ट, एयरबोर्न वॉर्निंग और कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट है.
यह बैलिस्टिक और क्रूज दोनों मिसाइलों को बीच में ही नष्ट कर सकता है, जबकि थाड में एक ही प्रकार का मिसाइल सिस्टम होता है जो किसी एक दिशा में निशाना साधता है.