ऑस्ट्रेलियन अंपायर साइमन टॉफेल ने कहा कि टेक्नोलॉजी के चलते क्रिकेट में अंपायरिंग बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई है। टॉफेल ने यह बात मंगलवार को एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कही। उन्होंने यह भी कहा कि मैदान पर दर्जनों कैमरे लगे होते हैं। जो छोटी सी गलती भी पकड़ लेते हैं।
Interview | How does one take the pressure of a multitude of cameras and innovations developed to point out your errors when umpiring a cricket game? Simon Taufel has some insight. #Umpiring #Cricket https://t.co/Ieoxh0I4v3
— Sportstar (@sportstarweb) November 19, 2019
टॉफेल के मुताबिक, ‘‘आज रिव्यू सिस्टम आ गया है, जिससे खिलाड़ी अंपायर के निर्णय को चुनौती देने लगे हैं। रीप्ले में सबकुछ देखा जा सकता है। गेंद बल्ले से लगी है या नहीं, स्लो मोशन के चलते ये पता करना बेहद आसान हो गया है। ऑडियो सेंसर के जरिए बारीक आवाज भी सुनी जा सकती है।’’
टॉफेल ने कहा, ‘‘वक्त बदल गया है। मैदान में 30 कैमरे, बॉल ट्रैकर, स्निको मीटर, हॉट स्पॉट और कॉमेंट्री बॉक्स में तीन कमेंटेटर्स होते हैं। कई बार आपका फैसला 100% सही नहीं होता।’’
उन्होंने कहा कि यह सब जिंदगी का हिस्सा है। रोजर फेडरर भी मैच हार जाते हैं। टाइगर वुड से भी गलती हो जाती है। यह सब तो चलता रहता है, लेकिन गलतियों से सीखना चाहिए। टॉफेल ने पहली बार जब टेस्ट में अंपायरिंग की थी, तब उनकी उम्र महज 29 साल थी।
टॉफेल को इस शताब्दी का बेस्ट अंपायर माना जाता है। उन्हें पांच बार आईसीसी अंपायर ऑफ द इयर का अवॉर्ड मिल चुका है। टॉफेल ने 74 टेस्ट और 174 वनडे और 34 टी-20 में अंपायरिंग की थी।
उन्होंने 2012 में अंपायरिंग से संन्यास ले लिया था। उन्होंने 1999 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच में अंपायरिंग की।