भोपाल : नर्मदा के विस्थापितों ने शनिवार को शाहजहांनी पार्क से नर्मदा भवन तक मार्च निकाला। गुजरात में नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर बांध पूरी तरह भर गया, जिससे बैक वाटर का स्तर बढ़ गया है, जिससे मप्र के धार जिले के निसरपुर समेत कई गांव डूब रहे हैं और विस्थापितों का पुनर्वास नहीं किया जा रहा है।
इसके विरोध में नर्मदा बचाओ आंदोलन की अगुआ मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम, राकेश दीवान और राजेंद्र कोठारी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग भोपाल पहुंचे और शाहजहांनी पार्क से नर्मदा भवन तक मार्च निकाला। इसके बाद भवन के सामने ही प्रदर्शन कर रहे हैं। नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े 20-25 कार्यकर्ताओं के साथ नर्मदा भवन में अपर मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी के साथ बैठक भी हो रही है।
Madhya Pradesh: Narmada Bachao Andolan founder member Medha Patkar,today, along with people affected by Sardar Sarovar Dam project held protest in Bhopal demanding proper rehabilitation of the people affected by the project. pic.twitter.com/ryaeS6OiPc
— ANI (@ANI) November 16, 2019
मेधा पाटकर और डॉक्टर सुनीलम ने अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि जब तक लिखित में आदेश नहीं मिलेगा, तब तक डटे रहेंगे। अरेरा हिल्स स्थित नर्मदा भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे नर्मदा बचाओ आंदोलन के बैनर तले इकट्ठे हुए ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। यहां हुई सभा को संबोधित करते हुए किसान संघर्ष समिति के संयोजक डॉ सुनीलम ने कहा कि वायदे नहीं लिखित आदेश चाहिए। जब तक सरकार आदेश जारी नहीं करती डटे रहेंगे। प्रदर्शन के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। दूसरी तरफ नर्मदा बचाओ आंदोलन संगठन ने टेंट लगाकर डटे हुए हैं।
नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े डॉ. सुनीलम ने कहा कि नर्मदा घाटी के सैकड़ों किसान, मजदूर, मछुआरे, केवट और दुकानदार। सरदार सरोवर बांध पूरी तरह भर जाने पर मोदी-रुपाणी शासन ने जश्न मनाया, लेकिन इससे हजारों परिवारों विस्थापित हो रहे हैं, उन केंद्र सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। हजारों लोगों के घर डूब गए, गांव डूब गए। कमलनाथ सरकार लेकिन कोई आर्थिक मदद नहीं मिल रही है। जब तक कि सभी विस्थापितों का पुनर्वास तक नहीं हो जाता है, उन्हें राहत बंद नहीं की जा सकती है।