केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से 58 साल नहीं की जाएगी। यह बात कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में कही। उन्होंने कहा, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 का नियम 56 (जे) और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) के नियम सरकार को समय-समय पर कर्मचारियों के काम की समीक्षा का अधिकार देते हैं। इसके तहत अगर कोई कर्मचारी अक्षम पाया जाता है या उसका आचरण भ्रष्ट होता है, तो उसे समय से पहले सेवानिवृत्त किया जा सकता है। इसके लिए तीन महीने का नोटिस दिया जाता है या इसके एवज में उतने महीने की तनख्वाह और भत्ते दिए जाते हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, ये प्रावधान ग्रुप-ए और बी के सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं। इसके दायरे में अर्धशासकीय संस्था में काम करने वाले वह कर्मचारी भी आएंगे, जो 35 साल की उम्र पूरी करने से पहले सेवा में आए हों और उनकी उम्र 50 साल से ज्यादा हो गई हो।
Jitendra Singh, MoS Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions, in written reply to a question in Lok Sabha: Presently, there is no proposal to reduce age of retirement on superannuation from 60 years to 58 years. (file pic) pic.twitter.com/6uMHrDcUS1
— ANI (@ANI) November 27, 2019
केंद्र ने सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार के मामलों पर कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह बताया था कि सरकार ने 21 भ्रष्ट टैक्स अधिकारियों को जबरदस्ती रिटायर कर दिया गया। उन अधिकारियों पर गलत ढंग से पैसा कमाने और संपत्ति अर्जित करने के आरोप थे। इनमें से कुछ के खिलाफ सीबीआई जांच भी चल रही थी। अधिकारियों को हटाने की कार्रवाई जून में शुरू की गई थी। अब तक 85 टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है, जिनमें 64 वरिष्ठ अफसर शामिल हैं।