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उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे, जिन्होंने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा

मुंबई : शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा के गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेता चुने जाने के साथ ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे एक रिकॉर्ड अपने नाम करने जा रहे हैं। वह महाराष्ट्र राज्य के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बनेंगे जिसने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा। शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा था, वह हमेशा किंगमेकर की भूमिका में रहे। ठाकरे परिवार से पहली बार चुनाव उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने वर्ली सीट से इसी विधानसभा का लड़कर जीता है। उद्धव शिवसेना से मुख्यमंत्री बनने वाले तीसरे नेता होंगे। उनके बारे में कहा जाता है कि फोटोग्राफी के शौक के कारण वे पॉलिटिक्स में नहीं आना चाहते थे।

27 जुलाई, 1960 को मुंबई में जन्में उद्धव ठाकरे की राजनीति में एक अलग पहचान हैं। पिता की तरह तेवर दिखाने वाले उद्धव के जीवन में एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें राजनीति में रुचि नहीं थी। फोटोग्राफी में इंटरेस्ट रखने वाले उद्धव ने 40 साल तक खुद को पार्टी (शिवसेना) से दूर रखा।

उद्धव ठाकरे को राजनीति विरासत में अपने पिता बाल ठाकरे से मिली। लेकिन, उन्हें राजनीति से ज्यादा फोटोग्राफी से प्यार था। बचपन से उन्हें वाइल्ड लाइफ और नेचर फोटोग्राफी का शौक था। उन्होंने महाराष्ट्र की ऐतिहासिक जगहों को आसमान से अपने कैमरे में कैद किया है। उनकी बेहतरीन फोटोग्राफी की प्रदर्शनी फेमस जहांगीर आर्ट गैलरी सहित कई जगहों पर लगाई गई है। उन्होंने अपने फोटोग्राफी के शौक को किताब की शक्ल भी दी है। उन्होंने ‘महाराष्ट्र देशा’ नाम की एक किताब में अपनी फोटोज को दिखाया है। इस किताब में महाराष्ट्र के 27 बड़े किलों की आसमान से ली गई फोटो को शामिल किया गया है।

फोटोग्राफी के साथ उन्होंने धीरे-धीरे पार्टी में भी रुचि लेनी शुरू की। 2002 में वे पार्टी में सक्रिय हुए। उनके नेतृत्व में शिवसेना ने मुंबई में महानगर पालिका का चुनाव जीता। 2003 में बाला साहेब ठाकरे ने उद्धव को शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। 2012 में पिता बाल ठाकरे के निधन के बाद शिवसेना के लिए पहला (2014) विधानसभा चुनाव था और यही उद्धव के सामने सबसे बड़ी राजनीतिक चुनौती थी। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी।

उद्धव की छवि स्‍वभाव से अंतर्मुखी राजनेता के रूप में थी। पार्टी में सक्रिय होने से पहले वे बयानबाजी तक से दूर रहते थे। उद्धव को अपनी छवि से बाहर आने में काफी वक्‍त लगा, लेकिन फिर उन्‍होंने अपने पिता की तरह ही तेवर दिखाने शुरू किए। उन्होंने बयानबाजी करके और मराठी न्यूज पेपर ‘सामना’ में लेख लिखकर पार्टी के उग्र तेवर को जारी रखा। ‘सामना’ में अक्सर उनके इंटरव्यू पब्लिश होते रहते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि शिवसेना पिछले 25 साल के गठबंधन में सड़ गई। भाजपा के साथ गठबंधन कर शिवसेना को नुकसान हुआ।

उद्धव की वाइफ का नाम रश्मि ठाकरे और उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा आदित्य ठाकरे युवा सेना के अध्यक्ष हैं, जबकि दूसरा बेटा तेजस अमेरिका में पढ़ रहा है।

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