- विदेश

भारत से तोहफे में मिला हेलिकॉप्टर नहीं लौटाएगा मालदीव

मालदीव: पड़ोसी देश मालदीव का सत्ता परिवर्तन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ। मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने शपथ लेते ही ऐलान किया है कि अब वो भारत द्वारा तैनात किये गए उन हेलिकॉप्टर्स को वापस भारत नहीं भेजेंगे। जिन्हे पहले चीन द्वारा बनाये गए दबाव की वजह से वापस भेजा जाना था। मालदीव का यह फैसला चीन के लिए बड़ा झटका माना जा र​हा है।

हिंद महासागर में बसा खूबसूरत देश मालदीव अपने द्वीपों और शानदार रिजॉर्ट्स के लिए जाना जाता है। 1200 द्वीपों वाला 90 हजार वर्ग किलोमीटर का यह देश समुद्री जहाजों का महत्वपूर्ण मार्ग है। भारत और चीन दोनों चाहते हैं कि उनकी नौसैनिक रणनीति के दायरे में यह इलाका रहे। करीब चार लाख की आबादी वाले इस देश में सालों से भारत का प्रभाव रहा है।

PunjabKesari

वहीं चीन मालदीव को नए बाजार के रूप में देख रहा है। उसने अपने ‘बेल्ट ऐंड रोड इनिशएटिव’ यानी सिल्क रोड के तहत सड़क और हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए मालदीव में लाखों डॉलर्स का निवेश किया है। मालदीव से लक्षद्वीप की दूरी महज 1200 किलोमीटर है। ऐसे में भारत नहीं चाहता है कि चीन पड़ोसी देशों के जरिए उसके करीब पहुंचे।

PunjabKesari

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मालदीव के सोलिह को देश की जनता से सरकार की ओर से किए गए वादों को पूरे करने में सभी प्रकार का सहयोग देने का अश्वासन दिया साथ ही सामरिक रूप से अहम हिंद महासागर द्वीप देश की जरूरतों के हिसाब से अधिकारियों के साथ जल्द एक बैठक करने का सुझाव दिया।

PunjabKesari

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल में भारत- मालदीव के रिश्तों में तनाव आया था। उन्हें चीन की ओर झुकाव रखने वाला माना जाता था यहां तक की भारतीयों के कार्य वीजा पर रोक तथा बीजिंग के साथ नए मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर जैसे उनके कुछ फैसलों पर नयी दिल्ली ने एतराज जताया था। दोनों देशों के बीच गतिरोध तब पैदा हुआ जब मालदीव ने भारत क्षरा भेंट किए गए हेलीकॉप्टर को वहां से हटाने को कह दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *