श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर में बुधवार को अचानक सरकार बनाने की सुगबुगाहट तेज हो गई। पीडीपी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जहां राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। वहीं उनकी पार्टी के ही बागी विधायक इमरान अंसारी ने 18 विधायकों के समर्थन होने का दावा करते हुए सरकार बनाने की बात कही थी
बुधवार देर शाम गवर्नर को भेजे खत में पीडीपी चीफ ने लिखा, ‘जैसा कि आपको पता है पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी राज्य की विधानसभा में 29 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। आपको मीडिया रिपोर्टों से पता चल गया होगा कि कांग्रेस और नैशनल कॉन्फ्रेंस ने राज्य में सरकार बनाने के लिए हमारी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया है। नैशनल कॉन्फ्रैंस के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 सदस्य हैं और ऐसे में कुल संख्या 56 हो जाती है।’
हालांकि इन सब कोशिशों पर फिलहाल एक झटके में बुधवार देर शाम पानी फिर गया। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य की विधानसभा को भंग कर दिया है और अब साफ है कि राज्य में फिर से विधानसभा चुनाव होंगे और वहीं से तय होगा कि राज्य की बागडोर किसके हाथों में जाएगी।
JKNC has been pressing for assembly dissolution for 5 months now. It can’t be a coincidence that within minutes of Mehbooba Mufti Sahiba letter staking claim the order to dissolve the assembly suddenly appears.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 21, 2018