- देश

जयपुर 2008 बम धमाकों के चारों दोषियों को फांसी की सजा

गुलाबी शहर के नाम से पहचाने जाने वाले जयपुर शहर में 13 मई 2008 की शाम को 15 मिनट का मंजर खौफनाक था। इस समय में तीन से चार किलोमीटर क्षेत्र में जयपुर का ऐतिहासिक परकोटा क्षेत्र दहल गया था। जयपुर बम धमाकों के चार दोषियों को 11 साल सात माह आठ दिन बाद शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई गई है।

20 दिसंबर 2019 को इन आठ धमाकों में से चार धमाकों के गुनहगार आतंकियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई। अभी 4 धमाकों के गुनहगारों का हिसाब बाकी है। ये चारों आतंकी अपने 8 अन्य साथियाें के साथ दिल्ली से बस में बम लेकर जयपुर आए थे। किशनपोल में 9 साइकिलें खरीदीं। इन साइकिलाें के पीछे की सीट पर बम में टाइमर लगाकर बड़ी चाैपड़ पर खंदे के पास खड़ा कर दिया था। इसके बाद वे रेलवे जंक्शन पर मिले और शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली पहुंच गए। वहां जाकर जयपुर में सिलसिलेवार ब्लास्ट काे लाइव टीवी पर देखा और मौतों के बढ़ते आंकड़े देखकर खुश होते रहे।

आठ बम धमाकों के मामलों की सुनवाई के लिए बनी विशेष कोर्ट के जज अजय कुमार शर्मा ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि चारों दोषियों सैफुर्रहमान अंसारी, मो. सैफ उर्फ कैरीऑन, मो. सरवर आजमी और मो. सलमान ने इंडियन मुजाहिद्दीन के अपने आकाओं के कहने पर जयपुर में बम विस्फोट की घटना को अंजाम दिया था। शाम 7:15 से 7:30 बजे हुए सीरियल बम विस्फोट में 71 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 185 लोग घायल हुए थे।

जज ने मात्र 10 मिनट में अपना फैसला सुना दिया। सबसे पहले सैफुर्रहमान को फांसी की सजा सुनाई गई, उसके बाद सैफ उर्फ कैरीऑन को फांसी की सजा सुनाई और फिर जज ने कहा कि जो सजा इन दोनों को दी गई है. वही सजा शेष दो अन्य दोषियों को सुनाई जाती है। चारों को आईपीसी की धारा 120बी, 302, 307, 324, 326, 427, 121 ए, 124ए, 153ए और विस्फोट पदार्थ अधिनियम की धारा 3 ,विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 16 (1ए) एवं 18 के तहत दोषी माना गया है।

कोर्ट ने माना कि चारों आतंकियों ने बम धमाकों की साजिश दिल्ली में रची थी। जज ने अपने फैसले में इंडियन मुजाहिदीन से लेकर देश में जेहादी मानसिकता के चलते किए गए ब्लास्ट को लेकर भी टप्पणी की है। इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को सरकार की तरफ से दिए गए मुआवजे की जानकारी मांगी।

कोर्ट का फैसला आने के बाद दोषियों की पैरवी कर रहे न्यायमित्र पैकर फारुख ने कहा कि पूरे फैसले का अध्ययन करके हाईकोर्ट में अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि चारों को बम रखते हुए किसी ने नहीं देखा, इस आधार पर हम हाईकोर्ट में जाएंगे।

सरकारी वकील ने बताया कि विभिन्न धाराओं में सुनाई गई सजा के तहत धारा 302 में मृत्युदंड और अधिकतम फांसी का प्रावधान है। इसके साथ ही धारा 307 में सात साल, 236 में चार साल,124 में तीन साल, धारा 121 और 124 ए में फांसी की सजा का प्रावधान है। विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में उम्रकैद और 50 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई गई है। विधि विरूद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 16 (1ए) में फांसी की सजा का प्रावधान है।

सभी दोषियों को धारा 120 बी और 18 के तहत 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 1272 और आरोपित पक्ष की ओर से 24 गवाह पेश किए गए। चारों दोषी जब जेल से कोर्ट पहुंचे तो हल्की हंसी दिखा रहे थे, लेकिन जैसे ही जज ने फांसी की सजा सुनाई तो उनके चेहरे लटक गए। उसके बाद उन्होंने कोर्ट से वापस जेल जाने तक अपनी गर्दन ही नहीं उठाई।

एक के बाद एक हुए थे विस्फोट

1. पहला धमाका 13 मई 2008 की शाम करीब 7.20 बजे पहला बम धमाका ऐतिहासिक हवामहल के सामने खंदा माणक चौक में हुआ।

2. दूसरा धमाका शाम 7.25 बजे बड़ी चौपड़ के पास मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकानों के पास हुआ।

3. तीसरा बम धमाका शाम करीब 7.30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किग में हुआ

4. चौथा बम धमाका भी शाम 7.30 बजे इसी समय दुकान नंबर 346 के सामने, त्रिपोलिया बाजार के पास हुआ।

5. पांचवां बम धमाका भी उसी वक्त चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर हुआ। यहां सर्वाधिक 25 लोगों की मौत हुई। लोग भगवान की आरती के लिए जा रहे थे।

6. छठा धमाका शाम 7.32 बजे जौहरी बाजार में पीतलियों के रास्ते की कार्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने हुआ।

7. सातवां बम धमाका शाम 7.35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में हुआ।

8. आठवां धमाका शाम 7.36 बजे जौहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर हुआ।

नौवें बम में रात नौ बजे का सेट था टाइमर

जयपुर दहलाने की बड़ी साजिश के तहत नौ बम धमाकों की योजना थी। नौंवा बम चांदपोल बाजार में दुकान नंबर 17 के सामने एक गेस्ट हाउस के बाहर रखा गया था। इसमें रात नौ बजे का टाइमर सेट था, लेकिन 15 मिनट पहले बम निरोधक दस्ते ने इसे निष्कि्रय कर दिया था।

चार गुनाहगारों को मिली सजा

  1. मोहम्मद सैफ: बड़ी चौपड़ पर साइकिल में बम रखा था: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में सरायमीर थाना इलाके के संजरपुर का रहने वाला है। सैफ ने रेंजर साइकिल खरीदकर दिल्ली से लाए बम में टाइमर लगा इसमें शाम सात बजकर 20 मिनट पर ब्लास्ट हाेने का समय सेट कर बड़ी चाैपड़ पर ब्लास्ट किया था। इसके लिए सैफ ने साइकिल के पिछली सीट पर स्कूल बैग जैसा थैला लगाया था, जिसमें टिफिन बम था। यह केस माणकचाैक थाने में दर्ज हुआ था।
  2. सरवर आजमी: चांदपोल हनुमान मंदिर के पास ब्लास्ट किया: किशनपाेल बाजार से साइकिल खरीदकर टिफिन बम काे स्कूल बैग में रखकर चांदपाेल हनुमान मंदिर के पास प्लांट किया था। इस बम में शाम साढ़े सात बजे ब्लास्ट का समय सेट किया था। साइकिल रखकर माेहम्मद सरवर भी शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली चला गया था। उसे 21 जनवरी 2009 काे लखनऊ में टेडी पुलिया के पास से यूपी एटीएस की मदद से पकड़ा गया था। उसे बम प्लांट की पूरी ट्रेनिंग दी गई थी।
  3. सैफुर्रहमान: छोटी चौपड़ के पास बम वाली साइकिल खड़ी की: छाेटी चाैपड़ के पास स्थित फूल वालाें के खंदे में बम प्लांट किया था। बैग में बम रखकर 7:35 बजे का टाइम सेट कर फूल वालाें के खंदे के पास साइकिल खड़ी कर दी थी। उसे 3 अप्रैल 2009 काे जबलपुर से पकड़ा था। बाटला एनकाउंटर से ठीक पहले सैफुर अाैर दाे अन्य अातंकी माेहम्मद सैफ के पास से दूसरी जगह चले गए थे। सैफ ने ही पूछताछ में सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान के बारे में बताया था।
  4. मोहम्मद सलमान: सांगानेरी गेट के पास बम प्लांट किया था: सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के पास साइकिल पर बम प्लांट किया था। शाम सात बजकर 36 मिनट पर ब्लास्ट का टाइम सेट किया था। इसके बाद अन्य आतंकियाें के साथ ट्रेन से दिल्ली चला गया था। इसे दिल्ली एसआईटी ने पकड़ा था। जयपुर ब्लास्ट की जांच कर रही एसआईटी टीम सलमान काे दिल्ली सीजेएम काेर्ट से जयपुर आई थी। उसने कबूल किया था कि सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर बम प्लांट किया था।

जयपुर शहर का एक गुनहगार आरिज उर्फ जुनैद दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। जुनैद पर दिल्ली में भी सीरियल ब्लास्ट का आरेाप है। स्पेशल काेर्ट में रोजाना सुनवाई हाे रही है। इसके चलते जुनैद काे जयपुर नहीं ला सके। जुनैद आजमगढ़ स्थित बाज बहादुर काेट किला राेड का रहने वाला है। इसके अलावा यासीन भटकल उर्फ अहमद सिद्दी और असदुल्लाह अख्तर उर्फ हड्‌डी भी तिहाड़ जेल में बंद हैं, जिनसे जयपुर ब्लास्ट के सिलसिले में पूछताछ होना बाकी है। एक आरोपी शाहबाज हुसैन को कोर्ट ने बरी कर दिया है।

जयपुर सीरियल ब्लास्ट के मामले में तीन आतंकी शादाब उर्फ मलिक, माेहम्मद खालिद एवं साजिद बड़ा पाकिस्तान में हैं। तीनाें आतंकी पाकिस्तान के ही रहने वाले हैं। एटीएस की जांच में सामने आया है कि बाटला एनकाउंट के बाद ही तीनों पाकिस्तान लौट गए थे।

जयपुर के दाे गुनहगार दिल्ली के बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। आतंकी माेहम्मद आतिफ और छाेटा साजिद काे दिल्ली एटीएस ने 19 सितंबर 2008 काे बाटला एनकाउंटर में मार गिराया था। आतंकी माेहम्मद सैफ ने पूछताछ में बताया था कि आतिफ ने छाेटी चाैपड़ पर बम प्लांट किया था। आतिफ ने बम प्लांट करने का वीडियाे बनाया था।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *