केंद्र सरकार ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के लिए सेवा शर्तें जारी कर दीं। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि सीडीएस का पद 4 स्टार जनरल के बराबर होगा। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सीडीएस सरकार के प्रधान सैन्य सलाहकार होंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख पहले की तरह अपने क्षेत्र से संबंधित मामलों में रक्षा मंत्री को सलाह देते रहेंगे।
सीडीएस तीनों सेनाओं से संबंधित मुद्दों पर सरकार और सैन्य बलों के बीच संपर्क सेतु की तरह काम करेंगे। इस पद पर नियुक्त किए जाने वाले अधिकारी पर, सेना के तीनों अंगों के बीच काम-काज में समन्वय स्थापित करने और वित्तीय मामलों में सलाह देने की जिम्मेदारी होगी। सीडीएस के नेतृत्व में तीनों सेनाओं के संसाधनों के अधिकतम इस्तेमाल के लिए सैन्य कमांड का पुनर्गठन किया जा सकेगा। इसके लिए वह किसी अभियान में सेना के अलग-अलग अंगों को शामिल करना और संयुक्त ऑपरेशन चलाने का फैसला ले सकते हैं।
सीडीएस बनने वाले व्यक्ति को कार्यकाल पूरा होने के बाद कोई सरकारी लेने की पात्रता नहीं होगी। पद छोड़ने के बाद 5 साल की अवधि में वह सरकार की इजाजत के बगैर किसी निजी रोजगार को भी हासिल नहीं कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के भाषण में सीडीएस का पद बनाने की घोषणा की थी।
सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी में सीडीएस सैन्य बलों की तरफ से सलाह देने का काम करेंगे। हालांकि, सेनाओं का ऑपरेशनल दायित्व तीनों सेना प्रमुखों के पास ही रहेगा। उनका पद तीनों सेना प्रमुखों से ऊपर और कैबिनेट सचिव से नीचे रह सकता है। तकनीकी रूप से सरकार के प्रोटोकॉल में सीडीएस का पद 11-ए पर आता है, जबकि सेना प्रमुख और रक्षा सचिव का पद क्रमांक 13 है। सीडीएस का पद इससे ऊपर होने पर वह सीधे पीएमओ को रिपोर्ट कर सकेंगे।