शिमला : रेलवे ने क्रिसमस के मौके पर विस्टाडोम (पारदर्शी) कोच लगी देश की पहली ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया है। ट्रेन कालका-शिमला रूट पर चलेगी। यात्री इसके अंदर से ही बर्फीली वादियों का आनंद ले सकेंगे। रेलवे ने इसे हिमदर्शन एक्सप्रेस नाम दिया है।
कांच के छत वाली ट्रेन में 7 कोच हैं। 6 कोच में लोग बैठ सकेंगे, जबकि एक में सामान रखा जाएगा। ट्रेन के हर कोच में 15 चेयरकार सीटें हैं। एक यात्री का किराया 630 रुपए है। ट्रेन का संचालन शुरू होते ही इसकी अग्रिम बुकिंग 2 जनवरी तक हो गई है। शिमला रेलवे स्टेशन अधीक्षक प्रिंस सेठी ने बताया कि ट्रेन कालका से सुबह 7 बजे चलेगी और दोपहर 12:55 बजे शिमला पहुंचेगी। शिमला से कालका के लिए दोपहर साढ़े 3 बजे चलेगी और रात 9:15 बजे कालका पहुंचेगी। ट्रेन का संचालन अगले एक साल तक किया जाएगा।
हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक शांति को अब यात्रा के दौरान भी महसूस किया जा सकता है।
रेलवे ने कालका से शिमला के बीच विस्टाडोम कोचेस से युक्त हिमदर्शन एक्सप्रेस शुरु की है, जो अपनी पारदर्शी छत और बड़ी विंडोज से यात्रियों को हिमालय की खूबसूरती के दर्शन कराएगी। pic.twitter.com/aIVxsHG1il
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 26, 2019
कोचों की खिड़कियां पारदर्शी हैं। छत शीशे की है। कोचों में स्टील रेलिंग भी लगाई गई है, जिससे यह और भी खूबसूरत दिखती है। इसके अलावा ट्रेन में एलईडी लाइटें और तापमान मापक यंत्र भी लगाए हैं। ट्रेन में टॉयलेट की व्यवस्था वेस्टर्न तरीके से की गई है। कोच में हनीकॉम ब्लाइंड पर्दा लगाया गया है। ट्रेन की शीशेयुक्त छत गर्म होने पर यह पर्दा खोलने पर गर्मी का अहसास नहीं होगा। पर्दा देखने में तो फिल्टर की तरह लगता है, लेकिन धूप को रोकने में काफी कारगार है। पर्दा गिरते ही एसी पूरे कोच में प्रॉपर कूलिंग करेगा। यह पर्दा पहले वाले विस्टाडोम कोच में नहीं लगाया गया है।
विस्टाडोम कोच, यात्रा का एक अभूतपूर्व एहसास: पारदर्शी छत और बड़ी बड़ी विंडोज से युक्त स्वच्छ और आधुनिक विस्टाडोम कोच कालका-शिमला, मुम्बई-गोआ, तथा विजाग-अराकू घाटी मार्ग के प्राकृतिक सौंदर्य का एहसास यात्रियों को कराते हैं pic.twitter.com/RqEe2KYUBr
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 21, 2019