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जापानी कारोबारी अपने ट्विटर फॉलोअर्स को 64 करोड़ रु. बांटेंगे

टोक्यो : जापान के अरबपति युसाकू मीजावा ट्विटर पर उन्हें फॉलो करने वाले लोगों को 64 करोड़ रुपए (90 लाख डॉलर) की रकम बांटने जा रहे हैं। उन्होंने इसे एक सामाजिक प्रयोग बताया। वे कहते हैं, “मैं देखना चाहता हूं कि पैसे का खुशहाली पर क्या असर पड़ता है।”

यह रकम उन लोगों में बंटेगी, जिन्होंने नए साल के मौके पर किए गए उनके ट्वीट पर रिट्वीट किया था। इन्हीं फॉलोअर्स में से एक हजार यूजर को चुना जाएगा। मीजावा का कहना है कि वे यह जानना चाहते हैं कि मेरे पैसे का उनके जीवन पर क्या असर होगा। इसका पता वे नियमित अंतराल पर सर्वे के जरिए लगाएंगे।


कारोबारी मीजावा ने ट्विटर 2010 में ज्वाइन किया था। अभी उनके 6.9 मिलियन फॉलोअर्स हैं। 43 साल के कारोबारी कुछ वक्त पहले अपनी गर्लफ्रेंड आयमे गोरिकी से अलग होने पर चर्चा में आए थे। इसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर पर दी थी। तब उनके 70 लाख फॉलोअर बढ़े थे। मीजावा की निजी संपत्ति करीब दो अरब डॉलर है।

मीजावा एक फैशन कंपनी के मालिक हैं। उन्होंने एलन मस्क के स्पेस एक्स के साथ चंद्रमा का चक्कर लगाया था। वे स्पोर्ट्स कार और आर्ट पर सबसे ज्यादा खर्च करने के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने यूट्यूब चैनल पर कहा कि मुझे उम्मीद है कि उनके गंभीर सामाजिक प्रयोग पर एकेडमिक विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री भी दिलचस्पी लेंगे। दाई-इची लाइफ रिसर्च इंस्टीटयूट के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने कहा कि बेसिक इनकम के मायने नियमित न्यूनतम राशि है, जो सुरक्षा की भावना देने के लिए होती है। लेकिन मीजावा जो पैसा दे रहे हैं वह एकदम अलग है।

मीजावा अपने इस प्रयोग को मिनिमम बेसिक इनकम के विचार के तौर पर देख रहे हैं। इसका मकसद लोगों को बिना किसी काम के एवज में एक निश्चित रकम देने की है। इसे लेकर जर्मनी समेत विश्व के कुछ देशों में छोटे स्तर पर प्रयोग भी किए गए हैं। वे जापान में इस मुद्दे पर बड़ी बहस चाहते हैं। मीजावा का कहना है कि उनके पास पैसे हैं और पैसे बांटने के लिए खाली वक्त है। इसलिए वह दूसरों को प्रभावित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। भारत में भी इस पर लंबे वक्त से बहस चल रही है। पिछले आम चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसका जिक्र किया था। दावा किया था कि अगर वह चुनाव जीतती है तो भारत के 20% गरीब परिवारों को सालाना 72000 रुपए उनके बैंक खातों में सीधे दिए जाएंगे।

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