वारासिवनी: मध्य प्रदेश के वारासिवनी विधानसभा सीट में एक निर्दलीय उम्मीदवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जोर जबरदस्ती बीजेपी में शामिल करा दिया. जिस उम्मीदवार को जोर जबरदस्ती बीजेपी में प्रवेश दिलाया गया उनके समर्थकों की दलील है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले उसे अपने साले और कांग्रेस उम्मीदवार संजय सिंह का समर्थन करने के लिए दबाव बनाया. जब वो नहीं माने तो उसे खुद शिवराज सिंह चौहान पुलिसकर्मियों के साथ इस उम्मीदवार के कार्यालय में आ धमके और उसका हाथ पकड़कर अपने गाड़ी में बिठा लिया.
वारासिवनी के विधानसभा सीट में उस समय कोहराम मच गया जब राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निर्दलीय उम्मीदवार गौरव सिंह पारधी के दफ्तर पहुंच गए. उन्होंने सीधे कमरे में जाकर इस उम्मीदार का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ खींचते हुए बाहर ले आए और अपनी गाड़ी में बिठा दिया. इस दौरान शिवराज सिंह के साथ मौजूद सुरक्षा गार्डों ने भी उनका साथ दिया. पारधी को उस स्थान पर ले जाया गया जहां बीजेपी की सभा चल रही थी.
उधर सभा स्थल पर ले जाते ही शिवराज सिंह चौहान ने इस उम्मीदवार के बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा कर दी. जितनी देर तक शिवराज सिंह चौहान इस सभास्थल पर रहे, उतनी देर तक वहां हंगामा होता रहा. समय समाप्त होते ही शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओंने इस निर्दलीय उम्मीदवार को अपने कब्जे में ले लिया.
उधर आज तक से बात करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी गौरव सिंह पारधी ने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. वो कैमरे के सामने आए लेकिन हकीकत कहने से बचते रहे. वारासिवनी विधानसभा सीट पर शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैजबकि कांग्रेस ने अपने जिस पूर्व विधायक का टिकट काट कर संजय सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया इस पूर्व विधायक ने पार्टी से बगावत कर दी.