देश आज 72वां सेना दिवस (Army Day /Sena Diwas) मना रहा है। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना एक ऐतिहासिक कदम है। यह केंद्र शासित प्रदेश को मुख्य धारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण साबित होगा। हमारी सेना भविष्य की चुनौतियों से निपटने में भी सक्षम है। सेना दिवस के मौके पर दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में हुई परेड में पहली बार महिला अधिकारी कैप्टन तानिया शेरगिल पुरुष बटालियन की परेड का नेतृत्व किया।
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— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) January 15, 2020
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह समेत कई अधिकारियों ने यहां जवानों को श्रद्धांजलि दी। सेना प्रमुख नरवणे ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि सेना प्रमुख होने के नाते मुझे अपने जवानों की योग्यता पर नाज है। हमारे सैनिक भले भी मुश्किल इलाकों में तैनात हैं, लेकिन वे हमेशा देशवासियों के दिल में रहते हैं। पिछले हफ्ते मैं सियाचिन गया था। वहां के मुश्किल हालात में तैनात जवानों का मनोबल देखकर बेहद खुशी हुई। भारतीय सेना ने प्रॉक्सी वॉर के साथ-साथ नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा सुनिश्चित किया।
उन्होंने कहा- आतंक के प्रति हमारी नीति हमेशा से जीरो टॉलरेंस की रही है। आतंक का जवाब देने के लिए हमारे पास अनेक विकल्प हैं। नियंत्रण रेखा की स्थिति जम्मू-कश्मीर के हालात से जुड़ी है। वहीं, हथियारों की फास्टट्रैक खरीद से हमारी ताकत बढ़ी है। हमारी सेना आज के साथ-साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। सेना प्रमुख ने देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को भी याद किया। साथ ही पुरस्कार विजेताओं को मुबारकबाद दी।
तानिया के पिता, दादा और परदादा भी सेना में सेवा दे चुके हैं
तानिया 2017 में चेन्नै की ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी में शामिल हुई थीं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बी-टेक किया है। उनके पिता, दादा और परदादा भी सेना में सेवा दे चुके हैं। वह चौथी पीढ़ी की पहली महिला अधिकारी हैं, जो पुरुषों के परेड का नेतृत्व करेंगी। पिछले साल कैप्टन भावना कस्तूरी ने गणतंत्र दिवस पर पुरुष बटालियन की अगुआई की थी।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे #सेनाध्यक्ष #COAS #IndianArmy सभी सैनिकों, परिवारों, भारतीय सशस्त्र बल, भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारी को #ArmyDay की शुभकामनाएं देते हैं। आप सभी को सफलता, यश और गौरव की शुभकामनाएं। जय हिंद।#सम्मान#NationFirst pic.twitter.com/F9NEV0q2kR
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सेना दिवस की पूर्व संध्या पर जवानों को संबोधित करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना केवल एक लड़ाकू संगठन या राष्ट्रशक्ति का साधनभर नहीं है। इसका देश में इसका एक विशेष स्थान है। चीन-पाकिस्तान सीमा पर तैनात सैनिकों और कश्मीर में ‘छद्म युद्ध’ लड़ने वालों को सतर्क रहना चाहिए। जवानों की सभी जरूरतों को किसी भी कीमत पर पूरा किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- हमारी सेना अपनी वीरता और व्यावसायिकता के लिए जानी जाती है। यह अपनी मानवीय भावना के लिए भी सम्मानित है। जब भी लोगों को मदद की जरूरत हुई, हमारी सेना मौके पर पहुंचकर हर संभव मदद की है।
भारत की सेना मां भारती की आन-बान और शान है। सेना दिवस के अवसर पर मैं देश के सभी सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को सलाम करता हूं।
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सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ थे करियप्पा (The first Randar-in-Chief of the army was Kariyappa)
फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ थे। उन्होंने 1947 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 को सर फ्रांसिस बुचर से प्रभार लिया था। वे 1986 में फील्ड मार्शल का खिताब प्राप्त करने वाले दूसरे अफसर थे। पहले फील्ड मार्शल जनरल एसएफजे मानेकशॉ थे, जिन्हें 1973 में यह खिताब मिला था।