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क्या है रायसीना डायलॉग, 100 देशों के 700 से ज्यादा प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा

दिल्ली में भारत की फ्लैगशिप ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ‘रायसीना डायलॉग’ शुरू हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में मौजूद रहेंगे. इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बारे में चर्चा की जाएगी. इस कॉन्फ्रेंस में सात पूर्व राष्ट्रप्रमुख और 12 देशों के विदेश मंत्रियों समेत 100 देशों के 700 सदस्य शिरकत कर रहे हैं. ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि आखिर रायसीना डायलॉग क्या है, जिसमें विदेशी मेहमानों का इतना बड़ा हुजूम जमा हो रहा है.

 

रायसीना डायलॉग 2016 में शुरू हुआ

2014 में केंद्र की सत्ता में नरेंद्र मोदी के आने के बाद 2016 में पहली बार रायसीना डायलॉग आयोजित किया गया. भारत का स्वतंत्र थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिचर्स फाउंडेशन Observer Research Foundation (ORF) विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर रायसीना डायलॉग का आयोजन करता है. इस डायलॉग का मकसद दुनिया के अलग-अलग लोगों को एक मंच पर लाना है, ताकि वैश्विक हालात और चुनौतियों पर सार्थक चर्चा की जा सके.

सबसे पहला रायसीना डायलॉग 1-3 मार्च को 2016 में राजधानी दिल्ली में कराया गया था, जिसमें 35 देशों के सौ से ज्यादा वक्ताओं ने हिस्सा लिया था. इस पहले संस्करण में ‘एशिया: रीजनल एंड ग्लोबल कनेक्टिविटी’ विषय पर चर्चा की गई थी.

रायसीना डायलॉग हर साल भारत में आयोजित किया जाता है. 2017 में ‘दि न्यू नॉर्मल: मल्टीलेटरिज्म विद मल्टीपोरेटी’ और 2018 में ‘मैनेजिंग डिसरप्टिव ट्रांजिशन: आइडियाज, इंस्टीट्यूशंस एंड इडियम्स’ विषय पर यह कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई थी. जबकि 2019 में बदलती राजनीति, अर्थव्यवस्था और स्ट्रैटेजिक लैंडस्केप पर चर्चा की गई थी. 2016 को छोड़कर रायसीना डायलॉग के सभी कॉन्फ्रेंस जनवरी महीने में ही आयोजित की गई हैं.

इस साल की रायसीना डायलॉग में विश्वव्यापी चुनौतियों, एजेंडा 2030, मॉडर्न वर्ल्ड में टेक्नोलॉजी की भूमिका, जलवायु परिवर्तन और काउंटर टेररिज्म जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर वक्ता अपनी राय रखेंगे. इस कॉन्फ्रेंस में 100 देशों के 700 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें 80 अफ्रीका से हैं. खास बात ये है कि यहां 40 फीसदी वक्ता महिलाएं होंगी. इस कॉन्फ्रेंस में 7 देशों के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और 12 देशों के विदेश मंत्री भी आ रहे हैं. ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे. SCO और कॉमनवेल्थ के महासचिव भी इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. साथ ही दुनियाभर के 30 थिंक टैंकों के लीडर भी यहां मौजूद रहेंगे.

मंगलवार (14 जनवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी के साथ शुरू होने वाला रायसीना डायलॉग 16 जनवरी तक चलेगा.

क्या है रायसीना डायलॉग?
रायसीना डायलॉग पहली बार 2015 में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन थिंक टैंक ने भारतीय विदेश मंत्रालय के सहयोग से शुरू किया था। हर साल इसमें अलग-अलग देशों के प्रमुख और विदेश मंत्री पहुंचते हैं।

इस साल 17 देशों के मंत्री और विदेश नीति के जानकार कार्यक्रम में पहुंचे हैं। इनमें ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ, श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अन्य नेता पहुंचे।

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