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कोलकाता में चलेगी देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो

देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो (Underwater metro) टनल महज 66 दिन में बनकर तैयार हो गई है। यह टनल कोलकाता में हुगली नदी (Hooghly River) में 36 मीटर गहराई में बनाई गई है। 520 मीटर लंबी और 6 मीटर ऊंची टनल में ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो गया है। यह प्रोजेक्ट मार्च 2022 में पूरा हो जाएगा। 520 मीटर लंबी टनल को पार करने में महज 1 मिनट का समय लगेगा। रोजाना 9 लाख लोग इस रूट पर यात्रा करेंगे। अभी हावड़ा पुल (howrah bridge) को फेरी की मदद से पार करना पड़ता है। इससे 30 मिनट लगते हैं। यह टनल कोलकाता को हावड़ा से जोड़ेगी। इसकी लागत 8,572 करोड़ रुपए है।

इस प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर विश्वनाथ दीवानजी ने बताया कि हमने इसके लिए 13 देशों के अंडरवाटर टनल प्रोजेक्ट (underwater tunnel project) की स्टडी की। उनके इंजीनियरों से चुनौतियों और खतरे समझे। टनल की डिजाइनिंग और प्लानिंग में ही करीब एक साल का वक्त लग गया। मजबूत प्लानिंग का नतीजा यह रहा कि 520 मीटर लंबी टनल बनाने में महज 66 दिन लगे। एक भी हादसा पेश नहीं आया। यह प्रोजेक्ट जितना बड़ा था, चुनौतियां भी उतनी ही बड़ी थीं। सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि निर्माण के दौरान पानी की एक बूंद भी टनल में न पहुंचे। इसके लिए चार स्तरीय सुरक्षा कवच बनाया गया है।

इस काम के लिए ऐसी मशीन की जरूरत थी, जो ऊपर से पड़ने वाला नदी के पानी का प्रेशर बर्दाश्त कर सके और यह हमने जर्मनी से बनवाकर मंगवाई। इसके लिए तीन शिफ्टों में 1500 लोगों ने बिना थके और रुके काम किया। हर दिन 150 ट्रक मलबा निकाला गया ताकि काम सुचारु चल सके। नदी में 36 मीटर की गहराई में बढ़ता तापमान और ऑक्सीजन की कमी भी बड़ी चुनौतियों में एक थी। इसके लिए अलग से ऑक्सीजन डाला गया। यह तापमान 50 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है, इससे वातावरण बहुत गर्म हो जाता है। आपात स्थिति के लिए पर्याप्त फायर अलार्म लगाए गए हैं। रेस्क्यू टीम (Rescue team) और निकासी मार्ग (Exit point) अलग बनाए गए हैं, ताकि ये आपस में न टकराए।

कोलकाता मेट्रो (Kolkata metro) का निर्माण दो फेज में किया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई 16 किमी. होगी। पहला चरण साल्ट लेक सेक्टर 5 से साल्ट लेक स्टेडियम 5.5 किमी. तक है। दूसरा फेज अंडरग्राउंड मेट्रो का 11 किमी. लंबा है। यह मेट्रो फूल बगान से हावड़ा स्टेशन तक चलेगी। ट्रैक बिछाने का काम शुरू हाे चुका है। साथ ही स्टेशनों का निर्माण भी चल रहा है। इस लाइन को 2021 में चालू करने का लक्ष्य है।

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