लंदन : अनिल अंबानी ने चीन के बैंकों के कर्ज से जुड़े विवाद में शुक्रवार को इंग्लैंड हाईकोर्ट (England high court) में दलील रखी कि उनकी नेटवर्थ (Networth) जीरो है, वे दिवालिया हैं इसलिए बकाया नहीं चुका सकते। परिवार के लोग भी उनकी मदद नहीं कर पाएंगे। लेकिन, कोर्ट ने अंबानी के वकीलों की दलीलों को खारिज करते हुए 6 हफ्ते में 10 करोड़ डॉलर (714 करोड़ रुपए) जमा करने के आदेश दिए। चीन के तीन बैंकों- इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना, चाइना डेवलपमेंट बैंक (Bank of China, China Development Bank) और एग्जिम बैंक ऑफ चाइना (Exim Bank of China) ने अंबानी के खिलाफ लंदन की अदालत में केस किया था। इन बैंकों ने अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन (RCom) को 2012 में 70 करोड़ डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) का कर्ज दिया था, लेकिन आरकॉम भुगतान नहीं कर पाई। बैंकों का दावा है कि अनिल अंबानी (Anil ambani) लोन के गारंटर थे।
From BBG | Anil Ambani To London Court: Current value of my shareholdings is down to approximately $82.4 m. My net worth is zero after taking into account my liabilities. Do not hold any meaningful assets that can be liquidated for these proceedings pic.twitter.com/vPiZXHAKaL
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) February 7, 2020
बैंकों के वकील ने यह भी कहा कि कई मौकों पर अनिल अंबानी के परिवार के सदस्य उनकी मदद कर चुके हैं। अंबानी के वकीलों ने कहा कि उनके क्लाइंट को मां, पत्नी और बेटों के एसेट्स और शेयरों का एक्सेस नहीं है। लेकिन, बैंकों के वकील ने सवाल उठाया- क्या यह माना जा सकता है कि अनिल अंबानी की मां, पत्नी और बेटे जरूरत के वक्त उनकी मदद नहीं करेंगे? साथ ही कहा कि अनिल के भाई मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) एशिया में सबसे अमीर हैं।