- अभिमत

विश्वव्यापी कोरोना और चीन की भारत से गुजारिश

प्रतिदिन :
विश्वव्यापी कोरोना और चीन की भारत से गुजारिश
पूरे विश्व में जिस कोरोना वायरस के कारण ३ अरब से ज्यादा लोग लॉक डाउन में रहने को मजबूर है|जो वायरस विश्व के सभी १९५ देशों में फैल चुका हो, अब तक २० हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका हो | चीन और इटली में ही मरने वालों का आंकड़ा १०००० के पार हो चुका हो | उसके लिए चीन ने भारत से आग्रह किया है कि “कोरोना को चीन का वायरस ना कहें क्योंकि इससे उनके देश को कलंक लग सकता है और इसके साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग में हानिकारक होगा।“ इस गुजारिश का क्या अर्थ है ? चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्षीय एस. जयशंकर से कहा कि चीन उम्मीद करता है कि चाइना वायरस (China virus) कहने की संकीर्ण मानसिकता से भारत से दूर रहेगा | इसके विपरीत कोरोना वायरस (Corona virus) के फैलने से पहले कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जो चीन को कटघरे में खड़ा करती हैं|
एक ऐसी ही घटना का खुलासा एक इजरायली बायोलॉजिकल वॉरफेयर एक्सपर्ट ने भारत में छपे एक लेख में किया था|इजरायली एक्सपर्ट, डेनी शोहम नें अपने लेख में खुलासा किया था कि चीन के तीन बड़े वैज्ञानिकों को कनाडा से जबरदस्ती इसलिए चीन भेज दिया गया था क्योंकि इन तीनों ने गुपचुप तरीके से एबोला और नेपाह वायरस चीन भेज दिए थे. ये तीनों चीनी बायोलॉजिकल वैज्ञानिक कनाडा की एक बड़ी माइक्रोबायोजॉली लैब में काम करते थे और वहीं से इन तीनों ने ये दोनों वायरस चीन भेजे थे|
इजरायली डेनी शोहम ने ये लेख भारत के प्रतिष्ठित डिफेंस थिंकटैंक, मनोहर पर्रीकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज़ एंड एनेलिसिस (IDSA) के जर्नल में लिखे गये है | डेनी शोहम कैमिकल और बायोलॉजिकल वॉरफेयर (Biological warfare) के एक्सपर्ट माने जाते हैं और इन दिनों मनोहर पर्रीकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज़ एंड एनेलिसिस (Manohar Parrikar Institute of Defense Studies and Analysis) में विजिटिंग-फैलो है|अपने लेख में शोहम ने लिखा था कि एबोला और नेपाह वायरसों को किन्ही दूसरे वायरस से मिलाया गया तो एक बेहद ही खतरनाक जैविक हथियार तैयार किया जा सकता है|शोहम ने यहां तक लिखा है कि जिन तीन चीनी वैज्ञानिकों को कनाडा से निकाला गया था, उनमें से एक महिला साईंडिस्ट चीन की वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी (Wuhan Institute of Virology) से संपर्क में थीं|सब जानते हैं कि वुहान ही चीन का वो शहर है, जो बायोलॉजिकल वैपन यानी जैविक हथियार (Biological weapon) बनाने के लिए बदनाम है और जहां से ही कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला है|

वस्तुत: ये लेख उस वक्त आया था, जब दुनिया को चीन के वुहान में फैले कोरोना वायरस के बारे में कुछ अता पता नहीं था| हालांकि ये माना जाता है कि दिसम्बर के महीने में वुहान में कोरोना वायरस के मामले सामने आने लगे थे, लेकिन चीन ने जनवरी तक पूरी दुनिया से इसके फैलने की खबर को छिपाकर रखा था|

कोरोना वायरस संक्रमण के केंद्र रहे वुहान शहर के डॉक्टर्स ने एक नई चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ठीक हुए मरीजों में से करीब १० प्रतिशत को फिर से संक्रमण हो गया है, ये कैसे हुए इसका पता नहीं लग पा रहा है| अब तो यह साफ है कि चीन की भारत से यह गुजारिश एकदम गलत है कि “कोरोना को चीन का वायरस ना कहें क्योंकि इससे उनके देश को कलंक लग सकता है और इसके साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग में हानिकारक होगा।“

अभी भी कोरोनावायरस का कहर दुनियाभर में तेजी से अपना पांव पसार रहा है और ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए कई देश अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं| ज्यादातर देशों में प्रदेश और शहरों को लॉकडाउन करके कोरोना के संक्रमण को नियंत्रण कर रहे हैं, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने लॉकडाउन करने वाले देशों को चेताया है. उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस का मुकाबला करने के लिए कई देशों द्वारा लागू किए जा रहे लॉकडाउन, दुनिया से वायरस को मिटाने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे|गेब्रियेसस ने बताया, ”कोरोनावायरस के संक्रमण के फैलाव को धीमा करने के लिए कई देशों ने ‘लॉकडाउन’ का उपाय अपनाया है. लेकिन यह उनके हिसाब से है, ये उपाय महामारी को नहीं खत्म करेगी. हम सभी देशों से इस समय का उपयोग करके कोरोनोवायरस पर हमला करने की योजना बनाना चाहिये |
इसी सब के बीच नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और स्टैनफोर्ड बायोफिजिसिस्ट माइकेल लेविट का कहना है कि कोरोना वायरस का दुनिया में सबसे बुरा दौर शायद पहले ही खत्म हो चुका है. उनका कहना है कि कोरोना वायरस से जितना बुरा होना था, वह हो चुका है और अब धीरे-धीरे हालात सुधरेंगे| उनका बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि उन्होंने चीन में कोरोना वायरस से उबरने को लेकर उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई है| अब चीन की गुजारिश का क्या मतलब रह जाता है

श्री राकेश दुबे (वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार)
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com

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