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निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद और अन्य के खिलाफ केस दर्ज

दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन पश्चिम में इस महीने की शुरुआत में बड़ी धार्मिक सभा की अगुवाई करने वाले मौलाना के खिलाफ कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोई जनसभा आयोजित नहीं करने और सामाजिक दूरी बनाए रखने संबंधी सरकारी आदेशों के उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि अपराध शाखा इस मामले की जांच करेगी।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद के खिलाफ सामाजिक, राजनीतिक या धार्मिक सभा के संबंध में केंद्र के प्रबंधन संबंधी सरकारी आदेश का उल्लंघन करने के मामले में महामारी रोग कानून और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जमात के मुख्यालय मरकज निज़ामुद्दीन ने कहा है कि उसने कानून के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। उसने अपने परिसर में पृथक केंद्र स्थापित करने की भी पेशकश की है। उसने कहा, ”जब जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ, तो बहुत सारे लोग मरकज में रह रहे थे। 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया तो उसी दिन मरकज बंद कर दिया गया। बाहर से किसी भी आदमी को नहीं आने दिया गया।”

इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने निजामुद्दीन मरकज़ मामले में FIR दर्ज़ करने के लिए उपराज्यपाल को पत्र लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई थी कि राज्यपाल इस मामले पर जल्द ही कोई आदेश जारी करेंगे। केजरीवाल ने कहा, “अगर किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।”

दिल्ली में कोरोना के हालात पर केजरीवाल ने कहा, “अभी तक दिल्ली में 97 केस हैं और 97 मामलों में से 24 मामले निज़ामुद्दीन मरकज़ के हैं। 41 मामले विदेश की यात्रा करनेवालों से हैं और 22 विदेशी यात्रियों के परिवार के सदस्य हैं, जबकि 10 मामलों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।”

निजामुद्दीन मरकज से मंगलवार (31 मार्च) तड़के 1033 लोगों को निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया गया है। इनमें 24 कोरोना पॉजिटिव हैं 700 को क्वारंटाइन किया गया है। कुल मिलाकर इस मरकज में लगभग 1500 से 1700 लोग ठहरे हुए थे, सभी को इस मरकज से निकाल दिया गया है। ये सभी लोग एक धार्मिक समारोह में भाग लेने यहां आए हुए थे।

तबलीगी जमात का यह भवन छह मंजिला है और इसमें में 2 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था है। यह भवन निजामुद्दीन दरगाह से सटा हुआ है। मरकज में सोमवार (30 मार्च) को आए जिस शख्स की मौत हुई थी, अब उसके परिवार को क्वारंटाइन (एकांतवास) में भेजा गया है। यहां लोग जमात में शामिल होने के लिए 13 मार्च से जुटे थे। यहां कश्मीर, अंडमान, सऊदी, थाईलैंड, इंडोनेशिया से लोग जुटे थे।

मरकज में शामिल 281 विदेशी
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मस्जिद में पिछले दो दिनों के दौरान दिल्ली पुलिस को मिले 1830 व्यक्तियों में 281 विदेशी शामिल हैं। इन विदेशी नागरिकों में ब्रिटेन और फ्रांस के नागरिक भी हैं। इस मरकज मस्जिद में मार्च के मध्य में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था और यह देश में कोरोना वायरस प्रसार का एक प्रमुख स्रोत बन गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। यहां मिले लोगों में से अधिकतर को विभिन्न पृथक केंद्रों और अस्पतालों के पृथक वार्ड में भेज दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार 16 देशों के इन विदेशियों सहित कुल 1,830 लोग 24 मार्च को 21 दिवसीय लॉकडाउन लागू होने के बाद भी तब्लीगी जमात के मरकज में बने रहे। इन विदेशियों में इंडोनेशिया (72), श्रीलंका (34), म्यांमार (33), किर्गिस्तान (28), मलेशिया (20), नेपाल (9), बांग्लादेश (9), थाईलैंड (7), फिजी (4), इंग्लैंड (3), अफगानिस्तान, अल्जीरिया, जिबूती, सिंगापुर, फ्रांस और कुवैत का एक..एक नागरिक शामिल हैं।

मरकज में तमिलनाडु से सबसे ज्यादा लोग
बाकी 1,549 लोगों में से तमिलनाडु (501), असम (216), उत्तर प्रदेश (156), महाराष्ट्र (109), मध्य प्रदेश (107), बिहार (86), पश्चिम बंगाल (73), तेलंगाना (55), झारखंड (46), कर्नाटक (45), उत्तराखंड (34), हरियाणा (22), अंडमान निकोबार द्वीप समूह (21), राजस्थान (19), हिमाचल प्रदेश, केरल और ओडिशा से 15..15, पंजाब (9) और मेघालय (5) के निवासी शामिल हैं।

तेलंगाना में 6 की मौत
मरकज से तेलंगाना लौटे छह लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही तेलंगाना और तमिलनाडु में निजामुद्दीन के मरकज से गए लोगों की तलाश जारी है। तेलंगाना में 194 लोगों को क्वारंटाइन किया गया, जबकि तमिलनाडु में 981 लोगों की पहचान करने के साथ ही उनका टेस्ट किया जा रहा है। मरकज में शामिल 14 सौ लोगों में 11 के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है। इन 11 में 10 लोग इंडोनेशिया के नागरिक हैं। 34 लोगों के सैंपल जांच के लिए अस्पताल भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट का इंतजार है। इस बीच जान गंवाने वाले शख्स के 18 परिजनों को हैदराबाद में क्वारंटाइन में रखा गया है।

दिल्ली के निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के मरकज में करीब 14 सौ लोग ठहरे हुए थे, जिसमें कई विदेशी भी शामिल थे। जमात के विदेशी मेहमानों में ज्यादातर मलेशिया और इंडोनेशिया के नागरिक बताए जा रहे हैं। दिल्ली आने से पहले ये समूह 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच मलेशिया गया था, जहां ये लोग एक धार्मिक जलसे में शामिल हुए थे। जमात के कई लोगों के कोरोना से पीड़ित होने के मामले सामने आ चुके हैं।

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