नई दिल्ली: गृह मंत्रालय के एक आदेश ने निजता के अधिकार पर सवाल खड़ा कर दिए हैं। इस आदेश के तहत सरकार ने 10 सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर का डेटा खंगालने का अधिकार दे दिया है। 20 दिसंबर के इस आदेश में कहा गया है कि ये सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियां इंटरसेप्शन, निगरानी एवं डिक्रिप्शन के मकसद से किसी भी कंप्यूटर के डेटा की जांच कर सकती हैं। गृह मंत्रालय ने यह आदेश सूचना पौद्योगिकी अधिनयम,2000 के सेक्शन 69 (1) के तहत जारी किया है। सरकार के इस आदेश का विरोध होना शुरू हो गया है। विपक्ष ने इसे निजता के अधिकार पर हमला करार दिया है।
MHA: Competent authority hereby authorizes the following security and intelligence agencies (in attached statement) for purposes of interception, monitoring and decryption of any information generated, transmitted, received or stored in any computer resource under the said act pic.twitter.com/3oH9e7vv6T
— ANI (@ANI) December 21, 2018
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि यह निजता के अधिकार पर हमला है। उन्होंने कहा, यह काफी गंभीर मामला है। इस आदेश के जरिए भाजपा की सरकार सभी लोगों की निगरानी करना चाहती है। यह मौलिक एवं निजता के अधिकार पर हमला है। हम इसका विरोध करते हैं। यह आदेश सुरक्षा एजेंसियों को असीमित अधिकार दे देगा। सरकार का यह आदेश निजता के अधिकार पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को चोट पहुंचाने वाला है।