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क्षिप्रा नदी के घाटों पर स्नान पर्वों के लिये सर्वोत्तम व्यवस्थाओं के निर्देश

उज्जैन: मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती ने आज उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट, त्रिवेणी घाट और रामघाट पहुँचकर मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिये की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। श्री मोहंती ने प्रशासन को निर्देश दिये कि विभिन्न घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिये स्नान और दर्शन आदि की सर्वोत्तम व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जायें। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति पर्व सहित विभिन्न स्नान पर्वों के लिये भी नर्मदा नदी का पानी क्षिप्रा नदी में प्रवाहित करने की स्थाई व्यवस्था की जाये। इन कार्यों में सभी संबंधित विभाग पूर्ण समन्वय के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाएँ। इन कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिये कि गंभीर नदी के पानी की चोरी रोकने के लिये जिला प्रशासन सख्त कार्यवाही करे। घाटों पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये। बहुत ज्यादा आवश्यकता होने पर ही गंभीर नदी का पानी क्षिप्रा नदी में छोड़ा जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि गंभीर नदी का पानी पूर्ण रूप से उज्जैन शहर की पेयजल व्यवस्था के लिये आरक्षित रखा जाये।

मुख्य सचिव श्री मोहंती के निरीक्षण के दौरान और बैठक में अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री आर.एस. जुलानिया, अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास श्री रजनीश वैश्य, प्रमुख सचिव द्वय श्री प्रमोद अग्रवाल और श्री विवेक अग्रवाल तथा संभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा में पर्याप्त पानी नहीं था। श्रद्धालुओं को कीचड़ मिले पानी में स्नान करना पड़ा। इस लापरवाही का खामियाजा संभागायुक्त और कलेक्टर को भुगतना पड़ा था। नए अफसरों ने इस सख्ती से सबक लेते हुए आठ दिन में शिप्रा और घाटों की तस्वीर बदल दी।

यहां मकर संक्रांति का स्नान 15 जनवरी को है, लेकिन इससे पहले ही रविवार को सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी गईं। यहां नदी में साफ और पर्याप्त पानी, फव्वारे, लाइटिंग, साफ-सफाई ने ढाई साल पहले हुए सिंहस्थ-2016 की याद ताजा कर दी।

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