मध्यप्रदेश/भोपाल: सरकारी अस्पतालों में जारी अव्यवस्थाओं से मुख्यमंत्री कमलनाथ नाखुश है। बुधवार को दैनिक भास्कर में हमीदिया अस्पताल में बीमार बेटे को पीठ पर ले जा रहे पिता की तस्वीर देख मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव एसआर मोहंती को तलब कर लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अधिकारियों के जरिए अस्पतालों के कार्यरत डॉक्टरों और कर्मचारियों से कह दें कि प्रदेश में सरकार बदल गई है, सुधर जाएं या परिणाम भुगतने तैयार रहें।
अख़बार में खबर पढ़ने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीज़ों के इलाज में लापरवाही, अव्यवस्थाओं, मरीज़ों को परेशानी को लेकर आज कड़ा रूख अपनाया। उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि वे प्रदेश के ज़िम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दे कि प्रदेश में सत्ता बदल चुकी है। अधिकारी, डॉक्टर्स अपनी मानसिकता बदल लें। सरकारी अस्पतालों में आने वाले गरीब मरीजों के इलाज में लापरवाही, अव्यवस्था और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश पर स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में लगे बदहाली के दाग हमें धोना है। प्रदेश की जनता को सत्ता परिवर्तन का बदलाव दिखना चाहिए। आगे से अस्पतालों का निरीक्षण होगा। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स और स्टाफ के साथ साधनों की कमी पर भी रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपे और जल्द से जल्द खाली पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू कराई जाए।
ये हैं परेशानियां
- मरीजों को इलाज के लिए समय पर बेड नहीं मिलता।
- समय पर इलाज नहीं होना, आवश्यक दवाइयां नहीं मिलना।
- स्ट्रेचर सहित आवश्यक संसाधनों का सही समय पर नहीं मिलना।
- प्रसूति में लापरवाही की घटनाएं, डॉक्टर्स की गैरमौजूदगी।
- समय पर एंबुलेंस का नहीं मिलना।
यह व्यवस्थाएं हों
- गरीबों को निशुल्क बेहतर इलाज मिले, यह सुनिश्चित हो।
- अस्पताल अव्यवस्थाओं के अड्डे ना बनकर बेहतर इलाज का स्थान बने।
- मरीजों को इलाज के लिए भटकना ना पड़े।