नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गरीबों को न्यूनतम आमदनी की गारंटी देने का वादा किया है लेकिन बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मायावती ने कहा है कि कहीं यह भी पूर्व की कांग्रेस सरकार के ‘गरीबी हटाओ’ और मौजूदा सरकार के काले धन, 15 लाख और अच्छे दिन की तरह नकली वादा तो नहीं? मायावती ने कहा है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों फेल हो चुके हैं और एक ही सिक्के के दो पहलू साबित हुए हैं.
बता दें कि सोमवार को छत्तीसगढ़ में किसान आभार रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐलान किया, ‘हम एक ऐतिहासिक फैसला लेने जा रहे हैं, जो दुनिया की किसी भी सरकार ने नहीं लिया है. 2019 का चुनाव जीतने के बाद देश के हर गरीब को कांग्रेस पार्टी की सरकार न्यूनतम आमदनी की गारंटी देगी. हर गरीब व्यक्ति के बैंक खाते में न्यूनतम आमदनी रहेगी.’ राहुल गांधी के इस बड़े ऐलान के बाद इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जहां चर्चाओं का दौर जारी है, तो वहीं राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही है.
राहुल गांधी की इस घोषणा के बाद बीजेपी ने कहा कि वे कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान इस योजना की शुरुआत करें. अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राहुल की इस महत्वाकांक्षी योजना पर खवाल खड़े कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पहले भी कांग्रेस और बीजेपी को एक सिक्के का दो पहलू बताकर दोनों दलों को गरीब, दलित विरोधी बताती रही हैं. कांग्रेस अध्यक्ष के इस वादे को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के गरीबी हटाओ के नारे से जोड़कर उन्होंने सवाल उठा दिया है कि कहीं यह वादा भी नकली साबित न हो जाए.