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कश्मीर में सेना ने शुरू किया ‘ऑपरेशन-25’, तैयार हुई आतंकियों की कुंडली

देश में उबलते गुस्से और शहादत पर बदले की मांग के बीच सुरक्षाबलों के सामने फिलहाल सबसे बड़ा टारगेट पुलवामा के राक्षस को तलाशना है. पुलवामा का राक्षस यानि आत्मघाती हमलावर आदिल डार को ट्रेनिंग वाला अफगानी आतंकी गाजी राशिद. खुफिया एजेंसियों को पक्के इनपुट मिले हैं कि हमले के वक्त गाजी राशिद का गुर्गा कामरान भी पुलवामा में ही मौजूद था. हमले के बाद जितनी तेजी से इलाके की घेराबंदी की गई उससे ये मुमकिन नहीं है कि गाजी पुलवामा के 25 किलोमीटर से ज्यादा आगे निकल पाया हो. यही है सेना का ऑपरेशन 25.

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक गाजी पुलवामा से पंपोर के 25 किलोमीटर के दायरे में ही कहीं आतंक के हमदर्दों की पनाह में है और घेरा ढीला पड़ने पर निकल भागने की फिराक में है. वैसे तो जैश ए मोहम्मद पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की पहले से ही नजर है, लेकिन अब बहुत जल्द भारत इस आतंकी संगठक की पूरी कुंडली तैयार कर दुनिया के सामने रखने की तैयारी में है. जैश के लीडर अब्दुल रऊफ असगर ने हाल ही में कराची चंदा अभियान चलाया था.

रऊफ ने दौरा-ए-तफसीरियात-अल -जिहाद के नाम से लोगों से पैसे लिए. 6 दिनों तक चलाए गए अभियान की रकम जैश की ट्रस्ट अल रहमत में जमा की गई. 2016 के पठानकोट हमले से पहले भी अल रहमत ट्रस्ट के जरिए बड़ी उगाही की गई थी. जैश की अल रहमत ट्रस्ट को आईएसआई से भी हर साल सीक्रेट फंड के तौर पर बड़ी रकम मिलती है. NIA ने अल रहमत ट्रस्ट के दानदाताओँ और मददगारों पर कड़ी नज़र रखी है.

भारत के खिलाफ आतंकी हमलों में पिछले कुछ वक्त से जैश-ए मोहम्मद ने जिस तरह से लश्कर पर बढ़त बनाई है, उसके पीछे भी सोची समझी रणनीति है. लश्कर की गतिविधियों को लेकर दुनियाभर की नजर में आ चुका पाकिस्तान आतंकी देशों पर नजर रखने वाली संस्था एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में पहले ही शामिल है. इसीलिए आईएसआई ने लश्कर को बैकसीट पर बिठाकर अपना जिहादी एजेंडा जैश के हवाले कर दिया है.

लेकिन पाकिस्तान की ये चाल भी चारों खाने चित होने वाली है. पेरिस में रविवार से FATF की बैठक शुरू हो रही है. इस बैठक में भारत समेत तमाम देश पाकिस्तान का कच्चा चिट्ठा खोलने वाले हैं. भारत की पूरी कोशिश है कि पाकिस्तान को दुनिया में आतंकी देश घोषित करने की राह में सारी अड़चने पार हो जाएं.

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