श्रीनगर : पुलवामा में 40 जवानों की शहादत के पांचवें दिन सुरक्षाबलों ने इस हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद काजी को मार गिराया। सुरक्षाबलों ने सोमवार को पिंगलिना इलाके में 11 घंटे से ज्यादा चली मुठभेड़ में गाजी समेत दो आतंकियों को मार-गिराने में कामयाबी पाई। गाजी उर्फ कामरान जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के टॉप कमांडर और IED के जरिए धमाके करने का एक्सपर्ट था। हालांकि इस मुठभेड़ में देश ने मेजर अपने चार जवानों को गंवा दिया। यह मुठभेड़ अभी जारी है। आशंका है कि जैश के कुछ और आतंकी वहां छिपे हो सकते हैं। सेना को 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद से ही कामरान की तलाश थी।
सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाजी उर्फ कामरान पुलवामा के पिंगलिना में छिपा हुआ है। खुफिया इनपुट पर कार्रवाई करते हुए सिक्यॉरिटी फोर्सेज ने आधी रात में ही आतंकवादियों को घेर लिया। इस मुठभेड़ में 55 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर समेत चार जवान भी शहीद हो गए, लेकिन यह कुर्बानी बेकार नहीं गई और जैश के टॉप कमांडर को मार गिराया गया। पुलवामा मुठभेड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों का मनोबल ऊंचा है और वे आतंकियों को ढेर कर रहे हैं।
इससे पहले देर रात से सोमवार तड़के तक चली मुठभेड़ में 55 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर समेत चार जवान शहीद हो गए। शहीदों में मेजर डीएस ढौंडियाल, हवलदार शियो राम, सिपाही अजय कुमार और सिपाही हरि सिंह थे। सभी शहीद जवान 55 राष्ट्रीय राइफल्स के थे।
अब्दुल रशीद गाजी उर्फ कामरान ही वह दहशतगर्द था, जिसका दिमाग सीआरपीएफ जवानों का काफिले पर गुरुवार को पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के पीछे था। जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के टॉप कमांडर कामरान ने पाकिस्तान में बैठे अपने आका और जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के इशारे पर इस वारदात को अंजाम दिया था। गाजी ने ही हमले की पूरी साजिश रची और वह मसूद अजहर के सबसे विश्वसनीय करीबियों में से एक था।