हेग: पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर जैश-ए-मोहम्मद के हमले के चार दिन बाद भारत और पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले में आमने-सामने हुए। पूर्व भारतीय नेवी अफसर जाधव को सुनाई मौत की सजा को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में सोमवार से सुनवाई शुरू हो गई। यह सुनवाई चार दिन चलेगी। सोमवार को भारतीय वकील हरीश साल्वे ने दलील पेश की। उन्होंंने कहा कि पाकिस्तान आईसीजे के मंच का गलत इस्तेमाल कर रहा है। मंगलवार को पाकिस्तानी वकील खावर कुरैशी दलीलें पेश करेंगे। इसके बाद भारत 20 फरवरी को इस पर जवाब देगा, जबकि इस्लामाबाद 21 फरवरी को अपनी आखिरी दलीलें पेश करेगा। इस साल इस मामले में फैसला आने की उम्मीद है।
#WATCH: Harish Salve representing India & Kulbhushan Jadhav in ICJ says, “Jadhav’s continued custody without consular access should be declared unlawful.” pic.twitter.com/aAGeEAEGrT
— ANI (@ANI) February 18, 2019
- साल्वे ने कहा- साल्वे ने कहा- पाकिस्तान बिना देरी जाधव को काउंसलर उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है। बिना काउंसलर एक्सेस के जाधव को कस्टडी में रखे जाने को गैरकानूनी करार दिया जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान जाधव मामले का इस्तेमाल प्रोपागैंडा के लिए कर रहा है।
- साल्वे ने कहा- 30 मार्च 2016 को भारत ने पाकिस्तान को याद दिलाया था कि जाधव को कॉन्स्युलर उपलब्ध कराया जाना है। हमें इस पर कोई जवाब नहीं मिला। अलग-अलग तारीखों में पाकिस्तान को 13 रिमाइंडर भेजे गए थे।
- भारतीय वकील ने कहा, “पाकिस्तान बिना देरी जाधव को कॉन्स्युलर उपबल्ध कराने के लिए बाध्य है। बिना काउंसलर एक्सेस के जाधव को कस्टडी में रखे जाने को गैरकानूनी करार दिया जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान जाधव मामले का इस्तेमाल प्रोपागैंडा के लिए कर रहा है।’
- पाकिस्तान ने जाधव को उनके परिवार से मिलने का प्रस्ताव दिया। यह मुलाकात 25 दिसंबर 2017 को हुई। भारत इस मुलाकात के रवैये और जाधव के परिवार के साथ किए गए बर्ताव से निराश था।
- पाकिस्तान को विस्तारपूर्वक यह बताना चाहिए कि आखिर कॉन्स्युलर एक्सेस देने में 3 महीने का समय क्यों लग गया।
The Hague (Netherlands): International Court of Justice (ICJ) starts public hearing in Indian National Kulbhushan Jadhav case pic.twitter.com/UfdZgZ8Qov
— ANI (@ANI) February 18, 2019
पाकिस्तान ने लगाया जासूसी का आरोप
पाक सैनिकों ने कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रांत से पकड़ा था। उन पर अफगानिस्तान में जासूसी के आरोप लगाए गए और मिलिट्री कोर्ट ने 10 अप्रैल 2017 को उन्हें सजा-ए-मौत सुनाई थी। इस पर रोक लगवाने के लिए भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद कोर्ट ने 2017 में जाधव को सजा पर रोक लगाई थी। हालांकि, पाकिस्तान ने कहा है कि वह कुलभूषण की सजा को नहीं बदलेगा।
Harish Salve in ICJ: Pakistan offered to allow Jadhav’s family to visit him, the terms were agreed & the meeting was held on 25th December, 2017. India was dismayed at the manner the meeting with Jadhav’s family was conducted & wrote a letter on 27 December marking its protest pic.twitter.com/NowhpGYZKy
— ANI (@ANI) February 18, 2019
कुलभूषण की सजा रद्द करने की मांग
भारत पहले कह चुका है कि कुलभूषण जाधव जासूस नहीं हैं। बल्कि पाक सैनिकों ने उन्हें अफगानिस्तान बॉर्डर से किडनैप किया था। भारत ने कोर्ट से अपील की है कि पाकिस्तान को जाधव की सजा रद्द करने का आदेश दिया जाए। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान ने विएना संधि का उल्लंघन कर कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस मुहैया नहीं कराई और मानवाधिकारों का भी उल्लंघन किया।
H Salve in ICJ:Pak should’ve provided a substantial explanation for why it needed 3 months for providing consular access,upon which it could’ve claimed that it has complied with treaty obligation.Even on erroneous premise that para 4 applies,Pak hasn’t complied treaty obligations pic.twitter.com/XCCcU5svJL
— ANI (@ANI) February 18, 2019
जाधव की फैमिली को भी प्रताड़ित किया था
कुलभूषण का परिवार उनसे मिलने 2017 में पाकिस्तान गया था। तब उनके परिवार को प्रताड़ित किया गया था। मुलाकात के दौरान जाधव और परिवार सीसीटीवी की निगरानी में था और उनके बीच एक कांच की दीवार थी।