- अभिमत

दशहरा : अयोध्या पर राम-राम !

प्रतिदिन :

आज दशहरा है | असत्य पर सत्य की विजय का पर्व | इस पर्व के नायक दशरथ के बेटे श्री राम है | अयोध्या में जन्मे हैं | यह तथ्य निर्विवाद है | विवाद उनके जन्मस्थान का है | जो जनमानस के मष्तिष्क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पसरा हुआ है| कर्ता-धर्ता भाजपा, अब तक बचने की गलियाँ खोजती रही है| अब उसे, उसके ही लोग रास्ता दिखा रहे हैं, अगर अब भी बात नहीं बनी तो आसन्न चुनाव में लोग इस पार्टी से राम-राम भी कर सकते हैं | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हो, शिव सेना या विश्व हिन्दू परिषद [दोनों धड़े ] चेतावनी की मुद्रा में आ गये हैं | अब मन्दिर वही बनायेंगे का भुलावा नहीं चलेगा, अब तो भाजपा को बताना होगा कैसे और कब ?
शिवसेना की ५२ वीं दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी हमेशा कहती है कि वो मंदिर बनाएगी| लेकिन कब बनाएगी, इसकी तारीख़ नहीं बताती| चुनाव के वक़्त ही बीजेपी को राम मंदिर याद आता है. अब तक कई कारसेवक जान गंवा चुके हैं| उनके बलिदान का सम्मान कीजिए| ठाकरे २५ नवंबर को अयोध्या जा रहे है उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछाहै कि वो अयोध्या कब जाएंगे?शिव ने साफ कहा है कि “हम नहीं चाहते कि आप (नरेंद्र मोदी) चुनाव हार जाएं और वहां हम सत्ता में आएं, लेकिन जनता की उम्मीदों पर पानी मत फेरिए. अगर ऐसा किया तो आप जल जाएंगे|”

विजयदशमी के उत्सव के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सलाना कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपने संबोधन में कहा कि राम मंदिर के लिए कानून बनना चाहिए| भागवत के इस बयान पर सवाल उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि ४ राज्यों में और जल्द ही केंद्र में चुनाव नजदीक आए तब भाजपा हिंदुओं की भावनाएं और भगवान राम की याद आई| अब तक क्यों चुप रहे?
यह सही है कि १९८९ में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कहा गया था कि संसद में पूर्ण बहुमत में सरकार आएगी तब कानून बनाकर भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाएग| . इस वादे के भरोसे में सैकड़ों राम भतों ने प्राण दिए, हजारों जेल गए| जब केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार आई,तो पिछले ४.५ साल से रामभक्तों की आवाज में भाजपा ने कभी स्वर नहीं मिलाया | उडुपी में नवंबर २०१७ की धर्मसंसद में अनेकों संतों की मांग के बावजूद राम मंदिर पर कानून का प्रस्ताव नहीं लाया गया| राम मंदिर पर कानून की मांग को लेकर अनशन कर रहे संत परमहंसदास को यूपी पुलिस घसीटकर ले गई|
यह सही है, कि एक दिन में मन्दिर नहीं बन सकता | अपने संकल्प की ओर एक निश्चित गति से बढ़ा तो जा सकता था | अब भी समय है | न्यायालय भी जल्दी सुनने को तैयार है, मौका भी है | अब चूके तो राम- राम पक्की | सबको दशहरे की राम-राम |

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