क्रिकेटर एस श्रीसंत पर सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में आजीवन प्रतिबंध हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बीसीसीआई के पास अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का अधिकार है. कोर्ट ने बीसीसीआई से श्रीसंत को सुनवाई का मौका देने और 3 महीने में सजा तय का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई श्रीसंथ पर अपने लगाए प्रतिबंध पर फिर से विचार करें. अदालत ने कहा कि तीन महीने में बीसीसीआई फैसला करे. अदालत ने कहा कि बीसीसीआई श्रीसंथ का भी पक्ष सुने. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लाइफटाइम बैन ज्यादा है.
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने बीसीसीआई से कहा कि वह श्रीसंत को दी गई सजा के बारे में तीन महीने के अंदर ही जल्द फैसला करे. अब श्रीसंत पर बीसीसीआई को तीन महीने के अंदर फैसला सुनाना होगा कि उनके उपर लगे प्रतिबंध को हटाने के बाद उन्हें क्या सजा दी जाएगी. बता दें कि बीसीसीआई ने श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने पर अजीवन प्रतिबंध लगाया था. इसके खिलाफ श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इससे पहले बीसीसीआई ने कोर्ट में कहा कि श्रीसंत पर भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी और खेल को बेइज्जत करने के आरोप हैं.
Spot fixing case: Supreme Court in its order asked the BCCI to reconsider S Sreesanth’s plea within three months. pic.twitter.com/VXrtP0yWzO
— ANI (@ANI) March 15, 2019
जुलाई 2015 में श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला सहित स्पॉट फिक्सिंग मामले में सभी 36 आरोपरियों को पटियाला हाऊस कोर्ट ने आपराधिक मामले से बरी कर दिया था. श्रीसंत ने 2005 में श्रीलंका के खिलाफ नागपुर में एकदिवसीय मैच के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्होंने 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया. श्रीसंत ने 27 टेस्ट में 37.59 के औसत से 87 विकेट जबकि वनडे में 53 मैचों में 33.44 की औसत से 75 विकेट चटकाए.