गोवा/पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर (63) का निधन हो गया। रविवार शाम 6.40 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। अंतिम दर्शन के लिए उनकी पार्थिव देह घर से भाजपा कार्यालय से लाई गई है। इसके बाद इसे कला अकादमी में भी कुछ देर रखा जाएगा। शाम पांच बजे कैंपल स्थित एसएजी मैदान में अंतिम संस्कार किया जाएगा। पर्रिकर का एक साल से पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज चल रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पर्रिकर आधुनिक गोवा के निर्माता थे, उनके फैसलों ने भारतीय रक्षा क्षमताओं को बढ़ाया। उनके फैसलों ने भारतीय रक्षा क्षमताओं को बढ़ाया।
Goa: People gather at BJP office in Panaji to pay last respects to late Goa CM #ManoharParrikar pic.twitter.com/2jQpNMG60R
— ANI (@ANI) March 18, 2019
मुख्यमंत्री बनने वाले पहले आईआईटीयन थे पर्रिकर
13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में जन्मे पर्रिकर पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जो आईआईटी से पासआउट थे। वह चार बार 2000-2002, 2002-05, 2012-2014 और 14 मार्च 2017-17 मार्च 2019 तक चार बार मुख्यमंत्री रहे। 2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह गोवा की राजनीति छोड़कर केंद्र की राजनीति में आएं। इसके बाद पर्रिकर को रक्षामंत्री बनाया गया था।
पत्नी का भी कैंसर से निधन हुआ था
पर्रिकर की पत्नी मेधा का 2001 में कैंसर से निधन हो गया था। उनके दो बेटे उत्पल और अभिजात हैं। उत्पल ने अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। अभिजात कारोबारी हैं।
पद पर रहते हुए दिवंगत होने वाले देश के 18वें मुख्यमंत्री
पर्रिकर देश के 18वें ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिनका पद पर रहते हुए निधन हुआ। उनसे पहले तमिलनाडु की सीएम जयललिता, जम्मू-कश्मीर के शेख अब्दुल्ला और मुफ्ती मोहम्मद सईद, आंध्रप्रदेश के वाईएस राजशेखर रेड्डी का निधन भी पद पर रहते हुए ही हुआ था। इनके अलावा गोपीनाथ बोरदोलोई (असम), रविशंकर शुक्ल (मध्यप्रदेश), श्रीकृष्ण सिंह (बिहार), बिधानचंद्र राय (प.बंगाल), मरुतराव कन्नमवार (महाराष्ट्र), बलवंत राय मेहता (गुजरात), सीएन अन्नादुरई (तमिलनाडु), दयानंद बंडोडकर (गोवा), बरकतुल्ला खान (राजस्थान), एमजी रामचंद्रन (तमिलनाडु), चिमनभाई पटेल (गुजरात), बेअंत सिंह (पंजाब) और दोरजी खांडू (अरुणाचल प्रदेश) का निधन भी पद पर रहते ही हुआ।
हवाई चप्पल, हाफ शर्ट, मनोहर पर्रिकर जैसा कोई नहीं
गोवा की राजनीति में मनोहर पर्रिकर की मजबूत पकड़ थी. अपनी सादगी की वजह से वो जनता में बेहद लोकप्रिय थे. कई बार कार्यकर्ताओं की बाइक पर ही बैठकर क्षेत्र में लोगों से मिलने निकल पड़ते थे. चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर ने कभी भी अपने आपको हाईप्रोफाइल दिखाने की कोशिश नहीं की. एक बार तो किसी कार्यक्रम में पर्रिकर आम आदमी की तरह कतार में भी खड़े हो गए थे. पर्रिकर को साइकिल चलाना भी बेहद पसंद था. वो खाली वक्त में साइकिल चलाया करते थे. हवाई चप्पल और हाफ शर्ट उनकी पहचान थी. मनोहर पर्रिकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद विश्वासी और करीबी थे. हाल ही में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को आधुनिक गोवा का शिल्पकार बताया था
मनोहर पर्रिकर अपने स्वभाव के चलते बच्चों में भी बेहद लोकप्रिय थे. कई बार बच्चे उन्हें घेर लिया करते थे तो वो भी बच्चों को निराश नहीं करते थे. मनोहर पर्रिकर की छवि हमेशा सादगी भरी रही. मीडिया में मनोहर पर्रिकर को अक्सर स्कूटर पर यात्रा करने वाले नेता के तौर पर पेश किया जाता रहा. मनोहर पर्रिकर को फुटबॉल खेलना पसंद था. जब कभी वक्त मिलता था तो वो फुटबॉल के ग्राउंड में खिलाड़ियों के बीच पहुंच जाते थे. मनोहर पर्रिकर ने कभी दिखावे की राजनीति नहीं की. उनका कहना था कि कर्म ही सबसे बड़ी पूजा है. लेकिन कुछ वक्त निकालकर वह पूजा-पाठ भी करते थे.
मनोहर पर्रिकर ने कभी जातिगत राजनीति नहीं की, वह गोवा के हर वर्गों में लोकप्रिय थे, उनके पास जो भी समस्या लेकर आते थे, उस पर गंभीरता से विचार करते थे. पर्रिकर का जन्म साल 1955 में गोवा के मापुसा गांव में हुआ था. उन्होंने लोयोला हाई स्कूल से शुरुआती शिक्षा हासिल की थी. 1978 में उन्होंने आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट डिग्री हासिल की. पर्रिकर के निधन से पूरा देश गमगीन है.