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मेरठ रैली में मोदी ने सपा-रालोद-बसपा गठबंधन की तुलना “शराब” से की, कहा- ये उप्र को बर्बाद कर देगी

उत्तरप्रदेश/मेरठ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरप्रदेश में चुनावी अभियान का आगाज करने के लिए गुरुवार को मेरठ पहुंचे। मोदी ने उप्र में महागठबंधन को लेकर कहा, ”सपा का स, रालोद का र, बसपा का ब मतलब ‘सराब’। अच्छी सेहत के लिए ‘सराब’ से बचना चाहिए या नहीं बचना चाहिए? ये ‘सराब’ आपको बर्बाद कर देगी।” उन्होंने कहा कि दिल्ली ही नहीं दुनिया का मीडिया जिसे भी 2019 का जनादेश देखना हो वो इस जनसैलाब को देख सकता है। भारत मन बना चुका है। भारत के 130 करोड़ लोग मन बना चुके हैं। देश में एक बार फिर मोदी सरकार बनने जा रही है। मोदी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि जो खाते नहीं खुलवा सकता, वह खाते में पैसा क्या डालेगा?

‘मेरठ में स्वतंत्रता के आंदोलन का बिगुल फूंका गया था’
मोदी ने कहा- 2019 के चुनाव अभियान की शुरुआत मेरठ से शुरू करने के पीछे एक वजह है। 2019 का चुनाव हर देशवासी की आकांक्षा और मजबूत भारत के सपने से जुड़ा है। वही सपना जिसे दिल में लिए 1857 में इसी मेरठ क्षेत्र में स्वतंत्रता के आंदोलन का पहला बिगुल फूंका गया था। इसी गौरवशाली परंपरा को निभाने वाले सुकमा के नक्सली हमले में शहीद शोभित शर्मा और पुलवामा हमले में शहीद अजय कुमार जी को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम सबके आदरणीय चौधरी चरण सिंह जी को भी मैं नमन करता हूं। उन्होंने देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। चौधरी साब देश के उन सपूतों में से हैं जिन्होंने देश की राजनीति को खेत-खलिहान और किसानों पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया।

“5 साल पहले जब मैंने आपसे आशीर्वाद मांगा था, तो आपने भरपूर प्यार दिया था। मैंने आपसे कहा था कि आपके प्यार को मैं ब्याज समेत लौटाऊंगा। मैंने कहा था जो काम किया है उसका हिसाब भी दूंगा। और हां अपना हिसाब दूंगा, साथ-साथ दूसरों का हिसाब भी लूंगा। ये दोनों काम साथ चलने वाले हैं।

‘बारी-बारी से सबका हिसाब होगा’
मोदी ने कहा- चौकीदार कभी नाइंसाफी नहीं करता। हिसाब होगा, सबका होगा, बारी-बारी से होगा। आने वाले दिनों में देश के सामने एनडीए सरकार के 5 साल के काम को तो रखूंगा ही। अपने विरोधियों से पूछूंगा कि जब आप सरकार में थे तो आप नाकाम क्यों रहे? क्यों देश का भरोसा तोड़ा? आज एक तरफ विकास का ठोस आधार है, तो दूसरी तरफ न नीति है, न विचार हैं और न ही कहीं नीयत नजर आती है। एक तरफ फैसले लेने वाली सरकार है तो दूसरी तरफ दशकों तक फैसले टालने वाला इतिहास है। एक तरफ नए भारत की सरकार है तो दूसरी तरफ वंशवाद और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। एक तरफ दमदार चौकीदार है, तो दूसरी तरफ दागदारों की भरमार है।

‘पहली बार देश में निर्णायक सरकार’
प्रधानमंत्री ने कहा- इस देश ने नारे लगाने वाली सरकारे बहुत देखीं, लेकिन पहली बार ऐसी निर्णायक सरकार देखी है जो अपने संकल्पों को सिद्ध करना जानती है। जमीन हो, आसमान हो या फिर अंतरिक्ष, सर्जिकल स्ट्राइक का सामर्थ्य आपके इस चौकीदार ने दिखाया है।

“जब मैं बैंक खाते खुलवाता था तो बुद्धिमान लोग भाषण करते थे कि देश में बैंक नहीं हैं गांव का आदमी क्या करेगा? आज वही कह रहे हैं जो लोग 70 साल में गरीबों का खाता नहीं खुलवा पाए वो कहते हैं कि हम आपके बैंक खातों में पैसा डालेंगे। जो खाता नहीं खुलवा सकता वो खाते में पैसा डाल सकता है क्या?”

“समाज का ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है और देश का ऐसा कोई कोना नहीं है, जो विकास के हमारे काम से दूर रहा हो। सबका साथ सबका विकास पर ही नए भारत का निर्माण हो रहा है। 11 अप्रैल को जब देश पहला वोट डालेगा, जब पहली बार वोट डालने वाला हमारा युवा तो वो ईवीएम पर कमल का निशान दबाने से पहले विकास की इस कहानी को लेकर जाने वाला है।”

‘पहले दिल्ली में महामिलावटी लोगों की सरकार थी’
मोदी के मुताबिक- आपकी चौकीदार की सरकार ने जो हासिल किया है, वो तब और साफ हो जाएगा, जब 2014 से पहले के भारत से अब के भारत से आप तुलना करेंगे। जब इन महामिलावटी लोगों की सरकार दिल्ली में थी, तब देश में आए दिन बम धमाके होते। ये महामिलाविटी आतंकियों को संरक्षण देते थे। ये आतंकियों की भी जाति और उनकी पहचान देखते थे। उसके आधार पर तय करते थे कि आतंकी को बचाना है या सजा देनी है। मुझे बताया गया है कि यहां मेरठ में जो विरोधी दलों के उम्मीदवार हैं, उन्होंने आतंकियों के लिए करोड़ों रुपए तक के इनाम का ऐलान कर दिया था। महामिलावट के लिए यह लोग किस हद तक जा सकते हैं।

‘हमें सपूत चाहिए या सबूत’
पीएम मोदी ने कहा- कुछ दिन पहले जो लोग चौकीदार को चुनौती देते फिरते थे, अब वे रो रहे हैं। पूछ रहे हैं- मोदी ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को क्यों मारा? मोदी ने आतंकियों के अड्डों को नष्ट क्यों किया? आज यह महामिलावटी लोग, कौन पाकिस्तान में ज्यादा लोकप्रिय होगा, इसकी स्पर्धा में लगे हैं। देश को हिंदुस्तान के हीरो चाहिए या पाकिस्तान के? हमें सपूत चाहिए या सबूत चाहिए? मेरे देश के सपूत ही सबसे बड़ा सबूत हैं।

‘देश के लिए सब दांव पर लगा दूंगा’
मोदी ने कहा, “26 फरवरी की तारीख के बारे में सोचकर भी आतंक के सरपरस्तों की रूह कांप रही है। पल भर के लिए सोचिए, उस दिन हमारे देश के वीर सैनिकों ने पराक्रम किया, अगर उसमें थोड़ी भी गड़बड़ हो जाती तो क्या होता? यह लोग मेरे पुतले जलाते, मुझे नोंच डालते, काले झंडे दिखाते, दुनियाभर की गालियां देते। अगर ऐसा होता तो सारा दोष मोदी को देते। आप आश्वस्त रहिए- मैं देश के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार रहने वाला व्यक्ति हूं। कोई भी राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय दबाव इस चौकीदार को डरा नहीं पाएगा। मैं कोई बोझ नहीं रखता। बोझ रखूं भी क्यों मेरे पास अपना है भी क्या। देश ने जितना दिया है, वह बहुत कुछ है। चिंता उन्हें होती है जिनके पास कुछ खोने के लिए होता है।”

उत्तरप्रदेश में पहले चरण में आठ लोकसभा सीटों पर मतदान है। 2014 के चुनावों में इन आठों सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। 2014 के लोकसभा चुनावों में भी मोदी ने मेरठ से ही प्रचार अभियान का आगाज किया था।

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