ग्वालियर : एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के विरोध में पिछले साल 2 अप्रैल को हुए उपद्रव की पहली बरसी को लेकर शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। पुलिस ने सोमवार को संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी की। इस दौरान दो घरों की छतों पर रखे डंडे हटवाए गए। शाम को इन इलाकों में पुलिस अधिकारी फोर्स के साथ पहुंचे। मंगलवार को प्रशासन ने एहतियातन धारा-144 लागू कर दी है, साथ ही कलेक्टर अमिताभ चौधरी और एसपी नवनीत भसीन ने शहर के इलाकों में गश्त ली। शहर में इंटरनेट सेवाओं को बहाल रखा गया है।
डंडा, सरिया, फावड़ा सभी पर प्रतिबंध
आदेश के अनुसार, कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के विस्फोटक, आयुध तथा ऐसी सामग्री जिससे खतरा उत्पन्न हो सकता है। हथियार जैसे लाठी, डंडा, सरिया फावड़ा हॉकी आदि का प्रदर्शन नहीं करेगा, न ही लेकर चलेगा। किसी भी प्रकार के कट आउट बैनर पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग्स झंडे आदि पर किसी भी धर्म व्यक्ति संप्रदाय जाति या समुदाय के विरुद्घ नारे या अन्य भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। साथ ही वर्ग धर्म एवं संप्रदाय में विद्वेष उत्पन्न करने वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड नहीं करेगा।
सोमवार सुबह से आदेश लागू
प्रशासन की तरफ से निकाले गए आदेश के अनुसार, 1 अप्रैल यानि सोमवार को सुबह 6 बजे से 3 अप्रैल की रात्रि 12 बजे तक जिले की सीमा क्षेत्र में प्रभावशील कर दिया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 एवं अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
तीन लोगों की हो गई थी मौत
पिछले साल हुए उपद्रव में तीन लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद मुरार, थाटीपुर क्षेत्र में कर्फ्यू तक लगाना पड़ा था। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोग श्रद्धांजलि सभा तो कुछ लोग अन्य आयोजनों को लेकर आव्हान कर रहे हैं। इसलिए पुलिस और प्रशासन अलर्ट है। पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती वे क्षेत्र हैं, जहां से पिछले साल उपद्रव की शुरुआत हुई और यहां गोलियां चलने तक की नौबत आ गई। इसमें थाटीपुर के भीमनगर, अंबेडकर नगर, सरकारी मल्टी, चौहान प्याऊ, साठ फुटा रोड, अंबेडकर पार्क, मुरार, सिरोल और गोला का मंदिर शामिल हैं। यहां सबसे ज्यादा उपद्रव हुआ था। इसके चलते यहां अर्द्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं।