वॉशिंगटन: अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) ने ए-सैट के मलबे को लेकर संभावना जताई है कि वह वायुमंडल में ही जलकर नष्ट हो जाएगा। भारत के ए-सैट परीक्षण के 9 दिन बाद अमेरिका की तरफ से 4 बयान आ चुके हैं। भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) ने 27 मार्च को एंटी-सैटेलाइट (ए-सैट) मिसाइल का टेस्ट किया था। इस दौरान 300 किलोमीटर दूर पृथ्वी की निचली कक्षा में लाइव सैटेलाइट को नष्ट करने में कामयाबी मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की जानकारी दी थी।
US knew about India’s Mission Shakti but didn’t spy on ASAT test: Pentagon https://t.co/n2anMqrABk pic.twitter.com/zwAHRuO6XR
— Hindustan Times (@htTweets) March 30, 2019
अमेरिका के पहले दिए 3 बयान
- 3 अप्रैल : नासा ने कहा कि भारतीय सैटेलाइट के नष्ट होने से 400 टुकड़े हुए। ये अंतरिक्ष की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। इसके चलते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) और उसमें रह रहे एस्ट्रोनॉट्स को खतरा पैदा हो गया है।
- 31 मार्च : पेंटागन ने भारत के मिशन शक्ति की जासूसी को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि अमेरिका को टेस्ट की पहले से जानकारी थी। अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट डेविड डब्ल्यू एस्टबर्न ने कहा कि हमने किसी भी तरह से भारत की जासूसी नहीं की बल्कि हम भारत के साथ आपसी सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
- 29 मार्च : अमेरिकी कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शैनहन ने कहा था कि हम भारत के परीक्षण का अध्ययन कर रहे हैं। शैनहन ने दुनिया के ऐसे किसी भी देश को चेतावनी दी थी जो भारत जैसे एंटी-सैटेलाइट परीक्षण के लिए विचार कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हम अंतरिक्ष में मलबा छोड़कर नहीं आ सकते।
पेंटागन और नासा में विरोधाभास
- भारत के मिशन शक्ति को लेकर पेंटागन और नासा के बयानों में विरोधाभास है। नासा प्रमुख जिम ब्राइडनस्टाइन अंतरिक्ष में ए-सैट के 400 टुकड़े होने की बात कह रहे हैं। टुकड़ों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर खतरा बताया गया। वहीं, कार्यवाहक रक्षा मंत्री शैनहन ने कहा था कि मलबा वायुमंडल में प्रवेश करते ही जल जाएगा। पेंटागन के प्रवक्ता चार्ली समर्स ने भी गुरुवार को कहा कि हम शैनहन के बयान का समर्थन करते हैं।
- सिक्योर वर्ल्ड फाउंडेशन के मुताबिक- 2007 में चीन ने पोलर ऑर्बिट में एक सैटेलाइट मार गिराया था। इसके 3 हजार टुकड़े हुए। किसी भी सैटेलाइट को नष्ट करने के दौरान बना यह अबतक का सबसे बड़ा मलबा है।
- भारत के शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा था कि ए-सैट का मलबा 45 दिन में नष्ट हो जाएगा। वहीं अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता गैरेट मार्क्विस के मुताबिक- हम भारतीय ए-सैट के मलबे पर लगातार नजर रखे हुए हैं जिससे मानव अंतरिक्ष यान और आईएसएस की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।