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सीएसडीएस-भास्कर प्री-पोल सर्वे 43% ने कहा पीएम पद पर मोदी पहली पसंद

नई दिल्ली : देश में भले ही कुछ महीनों से अयोध्या, रफेल और गोरक्षा जैसे मुद्दे चर्चा में रहे हों, लेकिन वोटर इस समय विकास को सबसे अहम चुनावी मुद्दा मान रहा है। यह बात सीएसडीएस-लोकनीति-तिरंगा टीवी-द हिंंदू और दैनिक भास्कर के प्री-पोल सर्वे में सामने आई है। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 43% लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी ही पहली पसंद हैं। हालांकि, 41% लोग मानते हैं मोदी ने राफेल में गड़बड़ी की पर मिनिमम इनकम गारंटी के चुनावी वादे के बावजूद 28% लोग ही चाहते हैं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें। सिर्फ 3% लोगों के लिए राफेल-मंदिर बड़े मुद्दे हैं। 33% विकास और 25% लोग महंगाई के मुद्दे पर वोट डालेंगे।

सर्वे कैसे हुआ
सर्वे 19 राज्यों में 24 से 31 मार्च के बीच किया गया। इसमें 101 लोकसभा क्षेत्रों की 101 विधानसभा सीटों के 10,010 लोगों ने भाग लिया। सर्वे में कुल 46% महिलाएं, 19% अनुसूचित जाति, 10% अनुसूचित जनजाति, 13% मुस्लिम, 2% ईसाई और 3% सिख मतदाता शामिल थे। यह सर्वे चार भागों में है। आज पढ़िए इसकी पहली कड़ी…

बालाकोट, सवर्ण आरक्षण, किसान सम्मान सबसे असरदार 
सर्वे में कई चौंकाने वाले फैक्टर सामने आए हैं। जैसे- मई 2018 में जहां सिर्फ 34% लोग चाहते थे कि मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनें। वहीं 24 से 31 मार्च के बीच किए गए इस प्री पोल सर्वे में 43 फीसदी लोगों ने मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री पद पर देखने की इच्छा जताई। यहां बालाकोट एयर स्ट्राइक, सवर्ण आरक्षण और किसान सम्मान जैसी योजनाओं का असर देखने को मिला।

कौन सा मुद्दा वोट देते समय आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण होगा?

जवाब प्रतिशत में
विकास 33
मंहगाई 25
बेरोजगारी 20
पाकिस्तान पर भारत की एयर स्ट्राइक 4
आरक्षण 3
गोरक्षा 2
मंदिर-मस्जिद 2
राफेल सौदा 1
नागरिकता विधेयक 1
अन्य मुद्दे 3
कोई जवाब नहीं 6

अगर आपने बालाकोट एयर स्ट्राइक के बारे में सुना है तो क्या आप इस बात से सहमत/असमहत हैं कि मोदी सरकार चुनाव में लाभ लेने के लिए इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है?

(%)
पूरी तरह सहमत 33
आंंशिक तौर पर सहमत 28
आंशिक तौर पर असहमत 9
पूरी तरह असहमत 17
कोई जवाब नहीं 12

एनडीए को एक मौका और मिलना चाहिए?

चुनाव पूर्व
2019 (%)
मई 2018 (%)
मोदी सरकार को एक और मौका मिलना चाहिए 46 39
मोदी सरकार को एक और मौका नहीं मिलना चाहिए 36 47
कह नहीं सकते 12 14

उत्तर भारत में सरकार पर सबसे ज्यादा भरोसा है

मोदी सरकार को एक और मौका मिलना चाहिए (%) मोदी सरकार को एक और मौका नहीं मिलना चाहिए (%)
उत्तर भारत 52 35
दक्षिण भारत 29 47
पूर्वी भारत 50 30
पश्चिम-मध्य भारत 49 35

लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए आपकी पहली पसंद कौन होगा?

मई
2014 (%)
मई
2018 (%)
चुनाव पूर्व 2019 (%)
नरेन्द्र मोदी 36 34 43
राहुल गांधी 16 24 24
मायावती 2 3 3
ममता बनर्जी 1 3 2
अन्य नेता 17 19 13
कोई जवाब नहीं 28 17 15

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देश के हर कोने में लोगों ने मोदी सरकार की बजाय वायुसेना को एयर स्ट्राइक का श्रेय दिया। सबसे ज्यादा 60% दक्षिण भारतीयों ने एयर स्ट्राइक का श्रेय वायुसेना को दिया। वहीं हिंदी भाषी राज्यों में 22% लोगों ने मोदी को इसका क्रेडिट दिया।

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जिन लोगों को लगता है कि सरकार ने राफेल सौदे में गड़बड़ी की, उनमें भी 31% मोदी को दूसरा मौका देना चाहते हैं।

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सबसे ज्यादा प्रभाव बालाकोट एयर स्ट्राइक का दिखा। सवर्ण आरक्षण और किसान सम्मान से ज्यादा लोग इसे जानते हैं।

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इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की पसंद का सवाल : जिन लोगों ने मिनिमम इनकम गारंटी के वादे के बारे में नहीं सुना है। उनमें 21% लोग चाहते हैं कि राहुल पीएम बनें। वहीं इसी श्रेणी के 44% मोदी को पीएम देखना चाहते हैं। जो इस वादे के बारे में जानते हैं, उनमें 28% राहुल को और 42% मोदी को प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं।

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किसान सम्मान योजना, एयर स्ट्राइक और सवर्ण आरक्षण ने मोदी की लोकप्रियता 9% तक बढ़ाई
इनकंबेंसी की मुखरता में फंसी मोदी सरकार के हालिया तीन फैसले उसे दोबारा सत्ता में दिलाने में मददगार हो सकते हैं। सीएसडीएस-लोकनीति के मार्च के आखिरी हफ्ते में किए गए सर्वे में यह निष्कर्ष सामने आया है। मोदी सरकार ने यह फैसले 7 जनवरी से 26 फरवरी के बीच लिए थे, इससे स्थिति कुछ बदल सकती है। हालांकि इसके बावजूद सत्ता में वापसी बेहद करीबी मामला होने जा रहा है।
मई 2018 : 34% लोग मोदी की वापसी चाहते थे, प्री पोल सर्वे : 43% चाहते हैं मोदी फिर पीएम बनें
7 जनवरी को मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया था। 1 फरवरी को गरीब किसानों के खाते में सीधे धन ट्रांसफर करने की किसान सम्मान निधि की घोषणा की थी। जबकि फरवरी के आखिरी हफ्ते में पुलवामा हमले के बदले के तौर पर पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की थी। सर्वे के मुताबिक 43 फीसदी लोग नरेंद्र मोदी की सत्ता में फिर से वापसी चाहते हैं। यह 2014 के चुनाव से सात फीसदी अधिक और मई 2018 के सर्वे की तुलना में नौ फीसदी अधिक है। मई 2018 में 34 फीसदी ने सरकार की वापसी चाही थी। शायद यह कहना गलत नहीं होगा कि यह इजाफा ऊपर बताए तीन फैसलों की वजह से है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2018 में तीन राज्यों में भाजपा की हार के बावजूद यह बढ़ोतरी हुई है। हालांकि सर्वे में लोगों से पूछा गया कि वे किन मुद्दों पर वोट देंगे तो सिर्फ चार फीसदी ने एयरस्ट्राइक और तीन फीसदी ने ही सवर्ण आरक्षण को मुद्दा बताया। 33 फीसदी ने विकास, 25 फीसदी ने महंगाई और 20 फीसदी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर वोट डालने की बात कही है।
बालाकोट एयर स्ट्राइक से मोदी को फायदा

पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी कैंप तबाह करने का फैसला नरेन्द्र मोदी को इस चुनाव में फायदा पहुंचाने वाला हो सकता है। इस एयर स्ट्राइक के बारे में न जानने वाले वोटर्स की तुलना में जानने वाले वोटर्स में मोदी सरकार को एक और मौका देने का प्रतिशत ज्यादा है।

बालाकोट स्ट्राइक को जानने वालों में मोदी सरकार को एक और मौका देन का प्रतिशत बालाकोट स्ट्राइक से अनजान वोटर्स में मोदी सरकार को फिर मौका देन का प्रतिशत
उत्तर भारत 55 41
पूर्वी भारत 56 28
पश्चिम-मध्य भारत 52 37
दक्षिण भारत 34 16

एयर स्ट्राइक के बाद भी दक्षिण में राहुल की लोकप्रियता ज्यादा

बालाकोट स्ट्राइक के बारे में जानने वालों की पीएम पद की पसंद (%) बालाकोट स्ट्राइक से अनजान वोटर्स की पीएम पद की पसंद (%)
पूर्वी भारत मोदी- 53, राहुल- 22 मोदी- 31, राहुल-18
पश्चिम-मध्य भारत मोदी- 50, राहुल-23 मोदी- 45, राहुल- 26
उत्तर भारत मोदी- 48, राहुल- 18 मोदी- 30, राहुल- 18
दक्षिण भारत मोदी-31, राहुल-37 मोदी-25, राहुल-34

भाजपा के 23% समर्थक मोदी सरकार को नहीं, एयर फोर्स को देते हैं बालाकोट स्ट्राइक का श्रेय

एयर फोर्स को श्रेय देने वाले (%) मोदी सरकार को श्रेय देने वाले (%) दोनों को श्रेय देने वाले (%)
कांग्रेस समर्थक 62 11 17
कांग्रेस के सहयोगी दलों के समर्थक 69 11 14
भाजपा के समर्थक 23 29 43
भाजपा के सहयोगी दलों के समर्थक 45 12 39
बसपा के साथी दलों के समर्थक 50 17 21
लेफ्ट समर्थक 54 12 18
अन्य दलों के समर्थक 56 10 24

कांग्रेस, उसके सहयोगी दल और लेफ्ट के समर्थक नहीं चाहते पाक पर मिलिट्री एक्शन

भारत को पाक स्थित सभी आतंकी ठिकाने नष्ट कर देना चाहिए (%) भारत को पाकिस्तान से बातचीत करना चाहिए (%)
कांग्रेस समर्थक 35 40
कांग्रेस के सहयोगी दलों के समर्थक 42 49
भाजपा समर्थक 56 27
भाजपा के सहयोगी दलों के समर्थक 54 32
बसपा के साथी दलों के समर्थक 52 28
लेफ्ट समर्थक 23 53
अन्य दलों के समर्थक 26 48

राफेल सौदे में मोदी सरकार का घेराव नहीं आया काम

राफेल सौदे पर मोदी को घेरने की कांग्रेस की रणनीति पार्टी को ज्यादा फायदा पहुंचाती नहीं दिखाई दे रही। सौदे के बारे में जानकारी रखने वाले ज्यादातर वोटर्स मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इसमें सरकार को गलत मानने वाले वोटर्स भी मोदी को दूसरा मौका देना चाहते हैं।

मोदी सरकार को एक और मौका मिले (%) मोदी सरकार को अब कोई मौका नहीं मिलना चाहिए (%)
राफेल सौदे के बारे में जिन्होंने सुना 52 38
राफेल सौदे के बारे में जिन्होंने नहीं सुना 39 34
राफेल सौदे में मोदी सरकार को गलती मानने वाले वोटर्स 31 60
राफेल सौदे में मोदी सरकार को गलत न मानने वाले वोटर्स 78 17

मोदी की ईमानदार छवि बरकरार

  • राफेल सौदे के बारे में जानने वाले ज्यादातर वोटर्स मोदी को ईमानदार नेता मानते हैं। इस सौदे में सरकार की गड़बड़ी मानने वालों में भी एक बड़ी संख्या मोदी को ईमानदार मानती है।
  • राफेल सौदे के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों में 44% मानते हैं कि मोदी एक साफ और ईमानदार नेता हैं। 24% ये मानते हैं कि मोदी ईमानदार हो सकते हैं लेकिन वे भ्रष्टाचार पर नियंत्रण नहीं रख पाए। 24% ऐसे भी हैं, जो सीधे-सीधे मोदी को भ्रष्टाचारी मानते हैं।
  • राफेल सौदे के बारे में नहीं जानने वाले 36% वोटर्स मोदी को ईमानदार और 17% भ्रष्ट मानते हैं। 17% मानते हैं कि मोदी भ्रष्टाचार पर नियंत्रण नहीं रख पाए।
  • इस सौदे में सरकार की गलती मानने वाले 24% वोटर्स भी मोदी को ईमानदार नेता कहते हैं। 29% मानते हैं कि मोदी भ्रष्टाचार नहीं रोक पाए। वहीं 39% मोदी को भ्रष्ट नेता मानते हैं।
  • इस सौदे में सरकार को क्लीन चीट देने वाले वोटर्स में 68% वोटर्स मोदी को ईमानदार और 11% वोटर्स भ्रष्ट मानते हैं। 17% मानते हैं कि मोदी भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगा पाए।

भाजपा समर्थक भी मानते हैं राफेल सौदे में कुछ गलत हुआ

राफेल सौदे में सरकार गलत
(%)
राफेल सौदे में सरकार की गलती नहीं (%)
कांग्रेस समर्थक 62 21
कांग्रेस के सहयोगी दलों के समर्थक 65 19
भाजपा समर्थक 21 59
भाजपा के सहयोगी दलों के समर्थक 32 43
बसपा के साथी दलों के समर्थक 57 18
लेफ्ट समर्थक 47 19

अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए वोटर्स की पहली पसंद सुप्रीम कोर्ट
43% चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले को सुलझाए। 26% की इच्छा है कि यह मामला मध्यस्थता से सुलझाया जाए। 8% ऐसे भी हैं जो संसद से इस मामले में कानून चाहते हैं। वहीं 4% इस पर अध्यादेश लाने का सुझाव देते हैं। 17% वोटर्स ने इस पर अपनी कोई राय नहीं दी।

हिंदू मुस्लिम
सुप्रीम कोर्ट 43 50
मध्यस्थता 25 26
संसद से कानून 9 7
अध्यादेश 5 1
अन्य 2 1
कोई जवाब नहीं 17 15

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