हैदराबाद की एक ज्वेलरी समूह के ठिकानों पर छापे के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने 146 किलोग्राम सोने के गहने जब्त किए है। इनकी कीमत 82 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। समूह पर नोटबंदी के बाद मनी लांड्रिंग का आरोप है।
ईडी ने गुरुवार को बताया कि पिछले कुछ दिनों में हैदराबाद व विजयवाड़ा में मुसद्दीलाल ज्वेलर्स, इसके प्रमोटर कैलाश गुप्ता, बालाजी गोल्ड और इसके साझीदार पवन अग्रवाल, आस्था लक्ष्मी गोल्ड और इसके मालिक नील सुंदर थरड तथा सीए संजय सारदा के ठिकानों पर छापे मारे गए।
ईडी के मुताबिक आरोपितों के ठिकानों पर छापों के दौरान 145.89 किलो सोने के गहने जब्त किए गए, जिसकी कीमत 82.11 करोड़ है।’ एजेंसी ने कहा, ‘आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के कुछ घंटे के भीतर आरोपितों ने अपने बैंक खाते में अवैध रूप से 110.85 करोड़ रुपये जमा किए। उनका दावा था कि 5,200 खरीदारों ने उन्हें दो लाख रुपये से कम के एडवांस दिए।’
ईडी ने कहा कि यह दावे फर्जी थे। दुकान और आसपास की सीसीटीवी फुटेज की जांच में ग्राहक नहीं दिखाई दिए। दो लाख रुपये से कम के एडवांस इसलिए दिखाए गए, ताकि ग्राहकों के पैन नंबर न देना पड़े। बाद में 80 करोड़ रुपये के अवैध फंड को दूसरी कंपनियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।
ईडी के अनुसार, ‘आरोपितों ने फर्जी बिक्री रसीद बनाने की बात स्वीकार कर ली है। वह अवैध राशि से कथित रूप से खरीदे गए 270 किलो सोने के उपयोग का हिसाब भी नहीं दे पाए।’
तेलंगाना पुलिस और आयकर विभाग ने सभी आरोपितों पर नोटबंदी योजना के दुरुपयोग और अवैध तरीके से भारी मात्रा में बेनामी राशि अपने खाते में जमा करने के आरोप में केस दर्ज कर रखा है। इसी आधार पर ईडी ने आरोपितों के खिलाफ प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को देर शाम उस समय चलन में रहे 500 और 1,000 रुपये के नोट को बंद कर दिया था।